Neemuch bhadwa mata is called malwa vaishno devi !! मालवा की वैष्णो देवी मंदिर
नीमच जिले में स्थित मालवा की वैष्णो देवी के नाम से प्रसिद्ध भादवा माता के दरबार में नवरात्रों के शुरू होते ही आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है. आम दिनों के बजाय नवरात्रो में यहां मां के भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. मां भादवा का स्थान असाध्य से असाध्य रोगों के निवारण को लेकर काफी जाना जाता है. भक्तों की मान्यता है कि मां के दरबार में आने से उनके सभी दुःख दूर हो जाते हैं. साथ ही हम भक्तों की मन्नते भी मां पूरी करती है. शस्य श्यामला मालवा के पुण्यांचल में भादवामाता का मंदिर आरोग्य तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह मंदिर असंख्य भक्तों की आस्था का केन्द्र बिंदु है। इस मंदिर को मालवा की वैष्णो देवी के नाम से भी पहचाना जाता है। कहा जाता है कि मां भादवा के दरबार में शारीरिक विकलांगता और मानसिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है। भादवा माता मंदिर के प्रतिनिधि भगवतीलाल व्यास के अनुसार भादवा माता के मंदिर के बाईं दिशा में एक बावड़ी यानि कुण्ड है । मान्यता के चलते इसके जल में स्नान करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। रविवार को माता का विशेष आराधना दिवस माना जाता है। इसके साथ ही यहां वर्ष में दो बार चैत्र व अश्विन नवरात्र के पुण्य पर्वों पर विशेष मेला लगता है । इस दौरान यहां देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु मंदिर के दर्शन के साथ स्वास्थ्य लाभ लेने और मनवांछित मुरादे पाने आते हैं।
नीमच। मालवा मेवाड की वैष्णो देवी के नाम से विख्यात प्रदेष का सबसे बडा आरोग्य तीर्थ भादवा माता मे इन दिनो चैत्र नवरातो की धुम है। नवरात्रि मे भादवामाता मे मेला लगा हुआ है यहा देष भर से श्रृद्धालु मा के दर्षन के लिए आ रहे है। भादवा माता मे लखवा व अन्य असाध्यरोगो से पिडित लोग आते है और मा के दरबार से ठीक होकर जाते है। कहा जाता है कि नवरात्रि मे माता नौ दिन यहा रही है जो रोगीयो पर अपनी मेहर बरसाती है। भादवा माता के पुजारी आदीवासी भील समाज से आते है। प्रचलीत किवदंती के अनुसार इन पुजारीयो के पुर्वज धन्नाजी भील को स्वपन मे माॅ ने बाता की आरणी के वृक्ष के नीचे से मेरी प्र्रतिमा निकालकर उसे निकालकर स्थापित को तब से यह परिवार आजा तक माता की सेवा करता है। ता की प्रतिमा बडी ही मनोहारी है माता चांदी के सिहंासन पर विराजीत है प्रतिमा के पास ही नीचे की ओर नव दुर्गा के नौ रूप विराजमान है यही माता के समक्ष अखण्ड जोत वर्षो जल रही है माता के धूनि मे से निकाले धागो या कलेवा रोग ग्रस्त अंग पर बाधना जाता है। चैत्र ओर कार्तिक माह की नवरात्रि मे विषाल मेले का आयोजन शासन की देख रेख मे होता होता है। इस बार भी शासन प्रषासन के द्वारा भक्तो की सुविधा व सुरक्षा के लिए पुरी व्यवस्था की गई है।
Also called as Vaishno devi of malwa. Bhadwa mata temple is situated 20 km from Neemuch towards manasa. Road is motorable. Followers come with a belief that water of temple is having healing powers and can heal paralysis. Do visit of you get chance to...More. Ask Abhishek G about Bhadwarmata Temple. The journey to the Holy Shrine of Mata Vaishno Devi is an enchanting journey of the places where Mata Vaishnavi had spent some time while observing various spiritual disciplines and penances. The culmination of this journey is at the Holy Cave where She merged Her Human form with the astral form of Her creators, the ... (SMVDSB) and any other website claiming to have been authorized by the SMVDSB is fake and not recognized by the SMVDSB for any bookings/travel related issues. SMVDSB has not authorized any travel agent to book the . Vaishno Devi, also known as Mata Rani, Trikuta and Vaishnavi, is a manifestation of the Hindu Goddess Mata Adi Shakti also known as MahaKali/Parvati/Durga. The words maa and mata are commonly used in India for mother, and thus are often used in connection with Vaishno Devi. Vaishno Devi Mandir is a Hindu ...