हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी से Live फतहपुर Live in हलेश्वर स्थान
हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी से Live फतहपुर
Live in हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी
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हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी से Live फतहपुर
Live in हलेश्वर स्थान सीतामढ़ी
Sitamarhi Bihar Live in Sitamarhi Bihar
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सीतामढ़ी के सम्पूर्ण दर्शन । Sitamarhi
लगभग पूरा सीतामढ़ी ऑनलाइन देखिये । 6 मिनट में 120 फ़ोटो के साथ । जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी का सम्पूर्ण दर्शन । Like facebook.com/Sitamarhi ''सीतामढ़ी पेज द्वारा बनाया गया यह वीडियो ।
haleshwarsthan , Sitamarhi
#1.Haleshwarsthan ,Sitamarhi :-
This video footage is about Haleshwar Sthan is dedicated to Lord Shiva temple about 5 km west of the Sitamarhi town, near to Punoradham Temple. According to legend, a temple was founded on the occasion of Putra Yeshti Yajna by King Videha and was named as the Haleshwarnath temple.
Baba haleshwar nath. Mandir sitamarhi
Hanuman bihari ka report sitamarhi sai
Dahej Bana Phansi ka phanda
Shooting opening haleshwar asthan Sitamarhi Bihar
RUDRA ABHISHEK IN HALESHWAR NATH SITAMARHI BIHAR BY SHIV PREMI KISHOR KUMAR
Shiv puja
Bihar Vlog || Part 3 Last Part || Haleshwar Sthan || Gaur Nepal || Sitamarhi || Who Often Make Vlogs
This is the Vlog of my latest trip to bihar.... in the month of april....
Bihar Vlog || Part 3 Last Part || Sitamarhi || Haleshwar Sthan || Gaur Nepal || Who Often Make Vlogs
Sitamarhi is a birthplace of Sita, the main character of the epic Ramayana; a temple dedicated to Sita is located at punaura dham Sitamarhi.A rock-cut sanctuary from the great Mauryan period is found near Sitamarhi.
In 1875, the Sitamarhi sub-district was created within the Muzaffarpur district.Sitmarhi was detached from the Muzaffarpur district and became a separate district on 11 December 1972.It is situated in the northern part of Bihar. The district headquarters is located in Dumra, five kilometres (3 mi) south of Sita temple.
Rama Navami is a spring festival in Dumra, widely celebrated with a large fair held to mark the occasion.Sama Chakeva is a prominent winter festival dedicated to celebrate brother-sister relationships.This is a major cultural event with marriage ceremonies and many cultural rituals that take much preparation.
This is the vlog of my latest trip to bihar... in the month of april....
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सीतामढ़ी महोत्सव | नीतीश कुमार | पुनौरा धाम
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Punaura Dhaam Durga Puja (पुनौरा धाम दुर्गा पूजा)-2019
Punaura Dham Janki Mandir is one of the holiest Hindu temples dedicated to Goddess Sita, located in Sitamarhi, Bihar, India. Million of pilgrims visit the temple every year and most visited religious shrine in North India.
Punaura Dham is about 5 km west of Sitamarhi. Saint Pundrik's Ashram was situated here. Sita-Kund place is the honour of being the birthplace of Hindu Goddess, Sita.
mahavir Mandir Trusts is named Shri Mahavir Sthan Nyas Samiti(श्री महावीरस्थान न्यास समीती) started Sita Rasoi from 27 Jan 2019 at Punaura Dham for those Pilgrimage who visited Temple outside from Sitamarhi District.
And also daily Bus survice by Mahavir Mandir Trusts in morning from Punaura Dham to Haleshwar Sthan, Panthpakar and Janakpur Temple Nepal and retain back in evening at Punaura Dham.
सीतामढ़ी सैनिक सम्मान यात्रा 2018//Sitamarhi sainik sammanYATRA//#SITAMARHI
There a visit of sitamarhi sainik YATRA
For give respect to army who give his life in kargil war
And begpiper
#dance
#showing charector
# sitamarhi
बागवती घाट सीतामढ़ी बोल बम डांस Dance ( हलेश्वर अस्थान) फतहपुर , Village Vlog ????????????????
बागवती घाट सीतामढ़ी बोल बम डांस Dance ( हलेश्वर स्थान) फतहपुर , Village Vlog
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Hanuman jayanti barati dance sitamarhi nishan yatra
#सीतामढ़ी पुनौरा धाम की कहानी महंत बाबा की जुबानी
सीता माता की जन्म स्थली
Girmisani sitamarhi Bihar
महाअकलेश्वर नाथ महादेव मन्दिर सीतामढ़ी
MRPTC SITAMARHI CADET DIALOGUE
Sita Samahit Sthal Sitamarhi temple full documentary 2018 | सीतामढ़ी- सीता समाहित स्थल
प्रतापगढ़ से सीतामढ़ी की इस यात्रा में आप सभी का स्वागत है। इस यात्रा के दौरान हम 110 किलोमीटर का सफर तय करके सीतामढ़ी पहुंचेंगे। यात्रा के पहले पड़ाव में प्रतापगढ़ भुपियामऊ चौराहे से जौनपुर वाले हाईवे से होते हुए पहले पहुंचेंगे 35 km का सफ़र तय करके मुंगरा बादशाहपुर, मुंगरा बादशाहपुर से 16km दूर फूलपुर, फूलपुर से 11.5 km चलने के बाद पहुंचेगे NH 2, जिस पर उच्च गति से आगे बढ़ते हुए हड़िया बाजार उसके आगे बरौत मार्केट फिर वहां से 7 km दूर सीतामढ़ी। वह जगह जहां पर सीता ने अपनी जननी वसुंधरा के गोद में समाधि ले ली।
इस मंदिर का निर्माण किया स्वामी जीतेंद्रान्नद जी ने जो पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। अपना अधिकतर समय उन्होंने ऋषिकेश के एक आश्रम में गुजारा। यहां पर उन्होंने धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया। उसके पश्चात वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि संपूर्ण भारत में भगवान श्री राम के कई मंदिर मिलते हैं लेकिन उस जगह का कोई विवरण नहीं प्राप्त होता जहां पर सीता ने समाधि ली थी। उस जगह की खोज में वह गंगा नदी के किनारे 900 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए यहाँ पहुंचे क्योंकि पुराणों के अनुसार वह जगह गंगा नदी के ही किनारे कहीं पर सम्भव था। स्थानीय लोगों द्वारा पता चला की यहां वाल्मीकि का प्राचीन आश्रम था। धर्म ग्रंथों के अनुसार माता सीता के जीवन काल का अंतिम समय बाल्मीकि के ही आश्रम में गुजरा था। अतः उन्होंने इस आश्रम के आसपास ही सीता समाहित स्थल के बारे में अनुमान लगाया तत्पश्चात इस भव्य मंदिर का निर्माण हो सका।
पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान श्रीराम ने माता सीता का त्याग कर दिया था तब इसी जगह पर निवास कर रहे बाल्मीकि जी ने माता सीता को शरण दिया। लव कुश का बचपन यहीं पर गुजरा और यही पर उनकी शिक्षा भी हुई। जब भगवान श्री राम के द्वारा अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया तब लवकुश ने उनके अश्व को रोकने का दुस्साहस किया। अयोध्या से हनुमान एवं अन्य लोग उस घोड़े को छुड़ाने के लिए यहां पर पहुंचे परंतु लव कुश के आगे सभी विवस थे। अंत में भगवान श्री राम जब यहाँ पर आये तब उन्हें इस बात का ज्ञान हुआ कि लव कुश स्वयं उनके पुत्र थे। माता सीता ने भगवान श्रीराम को उनके पुत्र सौपते हुए स्वयं पृथ्वी माता से यह आग्रह किया कि यदि उन्होंने संपूर्ण जीवन भगवान श्रीराम को अपना पति मानकर मन वचन एवं कर्म से सतीत्व का जीवन जिया हो तो वह उन्हें अपनी गोद में समा लें। तब धरती फटी और माता सीता उसमें समां गई। इस तरह से भगवान श्रीराम को माता सीता के सतीत्व का प्रमाण प्राप्त हुआ। उसके बाद दु:खी मन से वह लवकुश को लेकर अयोध्या लौट गए।
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Sita Samahit Sthal (Sitamarhi) Temple
Sita Samahit Sthal is located in Bhadohi District, Uttar Prades India.
Founded by- Sri Prakash Narayan punj.
Sita Samahit Sthal (Sitamarhi), the holy place of Sitamarhi is situated between Allahabad and Varanasi, near the national highway No. 2 and also connected with Allahabad and Varanasi railway line with Jungiganj, the nearest railway station. It is a well known Hindu pilgrimage and a good tourist spot with a lot of tourists almost throughout the year.
It is said that this temple is the place where Sita went into the earth when she willed it while she was living with Saint Valmiki in the forest of Sitamarhi. It was Saint Valmiki who wrote Ramayana. According to Ramayana when Lord Rama came to Sita to ask her to come with him. According to Ramayana and other sacred books of Hindu dharma, when Lord Rama returned from the grand victory on Ravana the powerful king of Lanka. After becoming the king of Ayodhya a big yaga was held by Lord Rama and the horse of that grand yagya Ashvamedha was released from Ayodhya, the horse was to move in any direction or in any kingdom, the king of that kingdom should have to declare Rama as his Emperor. When the horse was wandering in the jungle of now Baripur village of Bhadohi, the two sons of Sita captured the horse according to the declaration that was tagged on the forehead of the horse.
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इस वीडियो को बनाया और एडिट किया गया है ब्रेन्स नेत्र लैब में
उत्तर प्रदेश जिला फतेहपुर मैं ग्राम जरारा पोस्ट मोशफ़ा की ख़बर हैं जहाँ पे स्कूल मैं पानी
अमनेशवर महादेव मंदिर 1339 मे बना था। यह मंदिर देवनाथ पट्टी सीतामढ़ी मे है ।
Durga puja pandal | Punaura Dham Sitamarhi | Janki Sthan Punaura Sitamarhi
Punaura dham janki mandir durga puja pandal.