घूमने के शौकीन लोगों के लिए मध्य प्रदेश का हाथी महल सबसे खूबसूरत तोहफा | History of Hathi Mahal
Friends, in this video, we will know in detail about Hathi Mahal, how to reach Mandu and the history of Hathi Mahal and its importance from tourism point of view.
The elephant palace of Mandu city is the most famous tourist destination located in Dhar district of Madhya Pradesh state in India. Elephant palace belongs to Malwa and this palace is quite famous for its magnificent building and huge structure of the palace. There are some ancient buildings known as Rock City up to a distance of 100 km of this palace. This palace that looks like a giant elephant is a major tourist destination.
घूमने के शौकीन लोगों के लिए मध्य प्रदेश का हाथी महल सबसे खूबसूरत तोहफा | History of Hathi Mahal
arvssaini
A Mystery and History
दरिया खान कॉम्प्लेक्स: मांडू के गुलदस्ते में सजा फूल | Darya Khan Complex, Madhya Pradesh
Mandu is a place of many mesmerising monuments and Darya Khan Complex is one of them. His tomb had a mosque, a pond and an inn. The Hathi Paga Mahal is also located near the complex and is crowned with a massive gorgeous dome. The name Hathi Mahal of the building seems to be have been given to it for its rather disproportionately massive pillars, looking like the legs of an elephant. There’s also tomb of Roza in the complex, which was built in the memory of Khadija bibi, the woman sufi saint of Mandu.
#WaqtKeNishan
#DaryaKhanComplex
#VisitMadhyaPradesh
WAQT KE NISHAN - A series made by Madhya Pradesh Madhyam
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मांडू इतिहास की कई खूबसूरत निशानियों को अपने भीतर समेटे हुए है और उनमें में एक है दरिया खान कॉम्प्लेक्स। इस कॉम्प्लेक्स में दरिया खान के मकबरे के अलावा एक मस्जिद, तालाब और सराय भी है। इस कॉम्प्लेक्स के पास ही हाथी पगा महल है जो बड़े और खूबसूरत गुंबदों से सजा है। ऐसा माना जाता है कि इस महल का नाम हाथी महल इसलिए पड़ा क्योंकि इसके खंभे जरूरत से ज्यादा मोटे और किसी हाथी के पैर की तरह दिखते हैं। यहां एक रोजा का मकबरा भी है। कहते हैं कि मांडू की एकमात्र महिला सूफी संत खदीजा बीबी को यहीं दफनाया गया था।
मध्य प्रदेश माध्यम द्वारा निर्मित - वक़्त के निशां
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History Of अंधा का महल अंधी का महल मांडू (धार) मध्यप्रदेश // Mandu Tourism // India's Tourism Spot
History Of अंधा का महल अंधी का महल मांडू (धार) मध्यप्रदेश // Mandu Tourism // India's Tourism Spot
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हमारे चैनल INDIA'S TOURISM SPOT पर आपका स्वागत है। यह चैनल भारतीय पर्यटन पर आधारित है। जिसमें ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक स्थल और वहां की भिन्न भिन्न संस्कृतियों का समावेश है। यह चैनल सभी पर्यटन स्थलों के बारे में संपूर्ण जानकारी देता है। इसमें पर्यटन स्थलों के बारे में किसी भी प्रकार की कोई ग़लत जानकारी शामिल नहीं है। इसमें आपको कैमरे एवं ड्रोन के द्वारा की गई वीडियो और तस्वीरें देखने को मिलेगी। आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करे और हमारे साथ हमेशा बने रहे । साथ ही आप हमें अपना जरूरी फीडबैक दे ताकि हम अपने आने वाले वीडियो में उसको शामिल कर सके।
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Mandav Madhya Pradesh Turisam Place 2017 HD. mp4
Mandu Turisam place
Dhar to near 25 km and indore 75 km
#Rupmati Mahal
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#Jali Mahal
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Mandu Jahaj Mahal. World famous Mandu. My Jahaj Mahal Vlog
मांडव/मांडू इंदौर से 100 किलोमीटर दूर है| यहां कई सारे खूबसूरत महल और किले हैं जैसे रानी रुपमती महल, बाज बहादुर महल, जहाज महल, हिंडोला महल, जामी मस्जिद, अशरफी महल।
यहां भगवान राम का दुनिया में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान के चारभुजा है और भगवान शंकर का नीलकंठेश्वर मंदिर है जिसमें 24 घंटे प्राकृतिक जल अभिषेक होता है जिसका पानी कहां से आता है कोई जानता नहीं है!
कहते हैं यहां की रानी रूपमती नर्मदा दर्शन के बाद ही भोजन करती थी इसलिए बाज बहादुर ने उनका महल ऐसा बनाया था कि 200 किलोमीटर होने पर भी नर्मदा दिखाई दे!
यहां इको पॉइंट भी है जो दाई मां के महल के नाम से फेमस है।
बारिश के दिनों में यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है।
Mandav / Mandu is 100 km away from Indore and there are many beautiful palaces and forts such as Rani Rupmati Mahal, Baj Bahadur Mahal, Jahaj Mahal, Hindola Mahal, Jami Masjid, Ashrafi Mahal.
Here is the only temple in the world of Lord Rama, where there is God's four-hands and Lord Shankar's Neelkantheshwar temple in which 24 hours natural water is anointing, no one knows where it comes from.
It is said that the Rani Rupmati used to eat food only after Narmada Darshan, so Baj Bahadur had built her palace on a big hill such that even if it is 200 km Narmada can be seen!
There is also Echo Point which is Famous by the name of Dai Maa's palace.
In the rainy days, the beauty of the Mandav is seen here.
History Of दरिया खान का मकबरा मांडू (धार) मध्यप्रदेश // Mandu Tourism // India Tourism Spot
History Of दरिया खान का मकबरा मांडू (धार) मध्यप्रदेश // Mandu Tourism // India Tourism Spot
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Vichitra Kintu Satya: The Secret Of Haunted Asirgarh Fort In MP
The 1200-year-old Asirgarh fort, situated in the Satpura Range in Madhya Pradesh, is believed to be haunted for the last 5,000 years due to a curse.
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Madhya Pradesh Hathi Mahal, Darya Khan Travel Advice Tips And Guide
भारत में मध्य प्रदेश राज्य के धार जिले में स्थित, मांडू शहर का हाथी महल सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। एलीफेंट पैलेस मालवा से संबंधित है एवं, यह महल अपनी शानदार इमारत और महल की, विशाल संरचना के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस महल के 100 किमी की दूरी तक कुछ प्राचीन इमारतें हैं, जिन्हें रॉक सिटी के नाम से जाना जाता है। विशाल हाथी के जैसे दिखने वाला, यह महल एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
मांडू कैसे पहुंचे!
वायु मार्ग द्वारा: इसका हवाई अड्डा निश्चित रूप से इंदौर में है, जो कि लगभग 99 किमी दूर है। यहां पर इंदौर, दिल्ली, मुंबई, ग्वालियर के साथ-साथ भोपाल जैसे शहरों से फ्लाइटें आती हैं।
रेल मार्ग द्वारा: इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम है। इस रेलवे स्टेशन पर सभी प्रमुख शहरों से नियमिन ट्रेनें आती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा: सड़क मार्ग की बात करें तो मांडू अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह उज्जैन से 154 किमी, धार से लगभग 35 किमी और भोपाल से लगभग 285 किमी दूर है।
मांडू बस स्टॉप से हाथी महल सिर्फ 2 किमी दूर है। हाथी महल की वास्तुकला !
'हाथी महल' में अनेक विशाल स्तंभ हैं, और इसी वजह से इस महल का ये नाम रखा गया है। इंडो-इस्लामिक स्थापत्य शैली में बना ये महल समुद्र तल से 600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भव्य पत्थर से मंदिर की संरचना की है। इस महल को शाही आवास के लिए बनाया गया था लेकिन बाद में इसे एक सुंदर मकबरे में बदल दिया गया। इस महल के आंतरिक और बाहरी हिस्सों में कुछ कब्रें देख सकते हैं।
इस्लामी शैली में बनी खूबसूरत मस्जिद को भी आप यहां देख सकते हैं। इस महल का सबसे शानदार हिस्सा हाथी पैलेस के बीच में इसका भव्य गुंबद है। महल के अंदर जो विशालकाय खंभे हैं उन्हीं की वजह से विशाल गुंबद पूरी तरह से संतुलित खड़ा है। इस प्रकार वास्तु की दृष्टि से इसका बहुत महत्व है। हाथी महल अत्यंत भव्य और इसे बनाने वाले कारीगर भी बहुत उत्कृष्ट रहे होंगे। हाथी महल का इतिहास !
मांडू गांव में हाथी महल के लिए आप कोई और नाम सोच सकते हैं? जी हां यहां पर हाथी महल को मांडवगढ़ के नाम से भी जाना जाता है। 11वीं शताब्दी के बाद से इस जगह को महत्व मिलना शुरु हुआ है।
इस ऐतिहासिक और संस्कृति से समृद्ध स्थान को तारंग साम्राज्य द्वारा बनवाया गया था। यह महल अंततः 16वीं शताब्दी में अस्तित्व में आया था। हालांकि, यह 12वीं शताब्दी से मुगलों और खिलजी शासकों के आक्रामक नियंत्रण के अधीन था और औपनिवेशिक युग तक उनके ही अधीन रहा था। हालांकि, तरांग साम्राज्य का अधिक समय तक इस पर शासन नहीं रहा था। 18वीं सदी तक यह महल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन चुका था। अब ये जगह दरिया खान के मकबरे के रूप में स्थापित है। इस महल में ये मकबरा काफी महत्वपूर्ण हो गया है, एवं इसका लाल रंग दूर से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर्यटन की दृष्टि से महत्व !
इस बात में कोई हैरानी नहीं है कि, हाथी महल को अब एक विरासत स्थल कहा जाता है, और पर्यटकों को ये जगह बहुत पसंद आती है। यह एक गौरवशाली इमारत है, जो लंबे समय से इतिहास के पन्नों में कायम है। ये इस्लामी वास्तुकला के असाधारण स्थानों में से एक है।
मध्य प्रदेश आने पर इस ऐतिहासिक और विशाल पर्यटन स्थल की यात्रा जरूर करें। भारत के मध्य प्रांत के इतिहास के बारे में जानने के लिए ये महल उपयुक्त है।
समय : आप किसी भी समय इस महल के दर्शन करने आ सकते हैं। हालांकि, सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का समय सबसे ठीक रहता है।
एंट्री फीस : हाथी महल में प्रवेश पूरी तरह से फ्री है।
समय अवधि : इस पूरे महल को देखने में 1 से 1.5 घंटे का समय लगता है।
For Hear Problem Solution First Time In India
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Mandu Travel Guide in Gujarati - Madhya Pradesh - India
Mandu or Mandavgad is in Dhar district, located in Madhya Pradesh State of India.
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Ujjain
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Bandhavgarh National Park
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Omkareshwar
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Jabalpur
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Gwalior
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Indore
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Sanchi
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Songiri
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Bhopal
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Khajuraho
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Mandu
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Pachmarhi (Pachmadhi)
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जहाज महल मांडू ऊपर का नज़ारा - Jahaz Mahal Mandu Top View
Top view, front view of Jahaz Mahal and Taveli Mahal from the top of the Jahaj Mahal.
Video shoots in summer time.
india chakra at the ratan haveli
Zafar Mahal - In memory of the exiled Mughal Emperor Bahadur Shah Zafar
Zafar Mahal in Mehrauli village, South Delhi, India is regarded as the last monumental structure built as a summer palace during the fading years of the Mughal era. The building has two components namely, the Mahal or the palace, and the entrance gate that was reconstructed in the mid-Nineteenth century. The Indian National Trust for Art and Cultural Heritage (INTACH) says the building was built in the early Nineteenth Century by Akbar Shah II and the entrance gate called Hathi Gate was built by Bahadur Shah Zafar II, who was popularly known as Zafar meaning 'Victory'.
It has a sad history because Bahadur Shah Zafar who wished to be buried at a selected burial ground, precincts of the Zafar Mahal (palace) in Delhi and the famous Dargha of Khwaja Qutubuddin Bakhtiar Kaki, was deported by the British to Rangoon, after the 1857 First War of Indian Independence called the Sepoy Mutiny or Upraising, where he died of old age 150 years ago without any honour. Bahadaur Shah Zafar penned his couplet known by the title do gaz zameen meaning two yards of land, lamenting for his fate of not finding a place for his burial (at his chosen place of burial) in his home country. The couplet reads in Urdu language as:
Kitna hai badnaseeb Zafar
Dafn ke liye
Do gaz zameen bhi
Mil na saki kuye yaar mein
When translated in English it says How unlucky is Zafar! For burial, even two yards of land were not to be had in the land of his beloved.
Bahadur Shah ascended the throne in 1837 at the age of 62 and his life coincided with the most creative period of Urdu literature with its centre in Delhi. He was associated with literary figures like Ghalib, Momin and Zauq. Emperor Bahdaur Shah Zafar II (1837--1857) was tried for treason by the British and deported to Rangoon, Burma, now Myanmar from the imperial city of Delhi. His trial was conducted by a military commission which began on January 27 till March 9, 1858. According to historian Percival Spear, there were four charges levelled against Bahadur Shah Zafar pertaining to aiding and abetting the soldiers during the revolt of 1857, for allegedly proclaiming himself as the sovereign of India, for waging war against the Government and for being responsible for the deaths of many Europeans, including women and children.
The irony of this history is also that he travelled in a bullock cart, with a group of British Lancers escorting him towards Yangon (Rangoon). The exiled emperor died in November 1862. He was buried with great urgency in the night itself with lantern light in presence of his few family members under the direction of a British officer. The grave was initially unmarked but later a Tablet was erected at the location but only in the 20th century. His mazar (grave) has at last become a shrine and the local Burmese and also visitors from India and Pakistan consider him a Pir (saint). It is also said that the nationalist leader of India, founder of the Indian National Army, Subhas Chandra Bose took a formal oath at this grave to free India from foreign rule.
This footage is part of the professionally-shot broadcast stock footage archive of Wilderness Films India Ltd., the largest collection of imagery from South Asia. The Wilderness Films India collection comprises of thousands of hours of high quality broadcast imagery, mostly shot on HDCAM 1080i High Definition, HDV and XDCAM. Write to us for licensing this footage on a broadcast format, for use in your production! We are happy to be commissioned to film for you or else provide you with broadcast crewing and production solutions across South Asia. We pride ourselves in bringing the best of India and South Asia to the world... Reach us at wfi @ vsnl.com and admin@wildfilmsindia.com
Zafar Mahal | Mehrauli is the last structure built by Mughals
Zafar Mahal, in Mehrauli village, in South Delhi, India is considered the last monumental structure built as a summer palace during the fading years of the Mughal era. The building has two components namely, the Mahal or the palace, which was built first by Akbar Shah II in the 18th century. Zafar Mahal, is the ruined summer palace of the last Mughal Emperor, Bahadur Shah Zafar II. The Moghul Dynasty .The palace, located at about 300 feet (91 m) to the west of Ajmeri Gate of the dargah of Khwaja Kaki has an imposing gate. Built as a three-storied structure in red sandstone embellished with marble, it is around 50 feet wide with a gate opening called the Hathi gate. It was declared a protected monument in 1920 under the Ancient Monuments Preservation Act, 1904. Bahadur Shah Zafar who was known as the poet-king wished to be buried next to graves of his predecessors. Mehrauli village in South Delhi is well connected by a good road net work and it is also part of the Qutb complex, which is a favorite visitors destination. Take a drive and enjoy the beauty of the history and historical monument.
Morning of Benti Kunda Pratapgarh Uttar Pradesh | Raja Bhaiya Residence | 4K
Benti is a village in Kunda tehsil of Pratapgarh district in the Indian state of Uttar Pradesh. The village is located on the bank of river Ganges and nearby village Bhadri.
Benti's evaluation is about 110 metres (360 ft) above sea level. It is situated on the bank of the Ganges River, with Bihar towards the east, Kara tehsil towards the west, and Babaganj towards the north.
The district headquarters at Pratapgarh lies 54 kilometres (34 mi) to the west, while the state capital at Lucknow is 160 kilometres (99 mi) distant.
Baba Bhimrao Ambedkar Sanctuary, or Benti Lake, is located in Benti. The lake, which covers more than 1,000 acres (400 ha), was designated as a bird sanctuary by the Kumari Mayawati government in 2003.
Kunda Harnamgnj railway station and Bhadri railway station are the very nearby railway stations to Benti. However, Allahabad Junction is a major railway station 48 kilometres (30 mi) from Benti.
for more information visit this link-
आप में से कई लोग यह चाहते थे कि मैं कुंडा के ऊपर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री का निर्माण करूं जिसमें सारी महत्वपूर्ण चीजों का दृश्य समायोजित हो। वह वीडियो प्रतापगढ़ हब चैनल पर उपलब्ध है जिन लोगों ने नहीं देखा है वह चैनल पर जाकर वीडियो देख सकते हैं और कमेंट में अपने विचार जरूर व्यक्त करें। इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माण के समय मुझे बेंती के पंचवटी भवन में रुकने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसके लिए मैं माननीय राजा भैया, अक्षय प्रताप सिंह उर्फ़ गोपाल जी एवं जुल्फिकार भुट्टो जी, निगम जी व ओम जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। रात गुजारने के बाद जब सुबह मेरी आंख खुली और मैंने चारों तरफ फैले हुए प्राकृतिक दृश्यों को देखा तो मुझे बेंती कि वह डॉक्यूमेंट्री याद आने लगी जिसमें यहां पर राजा भैया की उपस्थिती में हजारों लोग मौजूद थे लेकिन जब वह नहीं होते तो बेंती इसी तरह से एकांत में प्रकृति के साथ आलिंगन में लीन रहता है।
इस गहन एकांत को देखकर आप लोगों को इस बात का आभास अवश्य हो रहा होगा कि यह कोई पर्यटन स्थल नहीं है और हर व्यक्ति को यहां पर घूमने टहलने की अनुमति नहीं होती। सुरक्षा कारणों से राजा भैया की उपस्थिति के बिना यहां प्रवेश निषेध है।
यदि आप कुंडा आकर बेंती के इस राजभवन का भ्रमण करना चाहते हैं तो मैं आपको सावधान करना चाहूंगा
बेंती के इस दुर्ग की रखवाली की जिम्मेदारी मनुष्यों से अधिक एक श्वान पर है
लोगों उसे हंटर के नाम से बुलाते हैं।
उसके बारे में कई कहानियां यहां के लोगों के बीच में सुनी जा सकती हैं
सुरक्षा कारणों से मैं उसका दृश्य इस वीडियो में नहीं डाल सकता।
लेकिन बेंती के इस प्राकृतिक दृश्य को देखने का अधिकार हर व्यक्ति को होना चाहिए इसलिए मैं यह वीडियो आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं। यह दृश्य अधिकांश के लिए दुर्लभ है तो घर बैठे-बैठे बेंती का भ्रमण कीजिए और इस वीडियो को लाइक शेयर और कमेंट करना मत भूलिएगा। नए लोग चैनल को सब्सक्राइब कर ले। जुड़े रहिये एवं प्रतीक्षा कीजिए अगले वीडियो का। धन्यवाद !
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इस वीडियो को बनाया और एडिट किया गया है ब्रेन्स नेत्र लैब में
baz bahadur palace
Vedanta Studios
Queen's Bath, Hampi, Karnataka
Documnetary on Queen's Bath, Hampi, India.
Inside an INDIAN SPICE MARKET | Udaipur Rajasthan India Travel Vlog
Ever wondered what it's like deep inside an Indian spice market? Join Alex and Marko the Vagabrothers and explore a vibrant Indian Spice Market in Udaipur, Rajasthan in this epic travel vlog.
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Zafar Mahal in Mehrauli
Zafar Mahal in Mehrauli village, South Delhi, India is regarded as the last monumental structure built as a summer palace during the fading years of the Mughal era. The building has two components namely, the Mahal or the palace, and the entrance gate that was reconstructed in the mid-Nineteenth century. The Indian National Trust for Art and Cultural Heritage (INTACH) says the building was built in the early Nineteenth Century by Akbar Shah II and the entrance gate called Hathi Gate was built by Bahadur Shah Zafar II, who was popularly known as Zafar meaning 'Victory'.
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Bahadur Shah ascended the throne in 1837 at the age of 62 and his life coincided with the most creative period of Urdu literature with its centre in Delhi. He was associated with literary figures like Ghalib, Momin and Zauq. Emperor Bahdaur Shah Zafar II (1837--1857) was tried for treason by the British and deported to Rangoon, Burma, now Myanmar from the imperial city of Delhi. His trial was conducted by a military commission which began on January 27 till March 9, 1858. According to historian Percival Spear, there were four charges levelled against Bahadur Shah Zafar pertaining to aiding and abetting the soldiers during the revolt of 1857, for allegedly proclaiming himself as the sovereign of India, for waging war against the Government and for being responsible for the deaths of many Europeans, including women and children.
The irony of this history is also that he travelled in a bullock cart, with a group of British Lancers escorting him towards Yangon (Rangoon). The exiled emperor died in November 1862. He was buried with great urgency in the night itself with lantern light in presence of his few family members under the direction of a British officer. The grave was initially unmarked but later a Tablet was erected at the location but only in the 20th century. His mazar (grave) has at last become a shrine and the local Burmese and also visitors from India and Pakistan consider him a Pir (saint). It is also said that the nationalist leader of India, founder of the Indian National Army, Subhas Chandra Bose took a formal oath at this grave to free India from foreign rule.
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