Shiv_Temple_Kansua_Dcm_Kota । शिवमन्दिर_कंसुआ_डीसीएम_कोटा । Shoot_by_drone । Kota_Rajasthan|
RJ Dronography
(DJI PHANTOM 4 ADVANCE PLUS)
Pram Nagar II Kota, Rajasthan
contact for:-
+91 9929563620
+91 9664151404
Email:- dhanrajbairwa@gmail.com
Kota, Rajasthan-324004
#RJDRONOGRAPHY#
Watch priest performing 'aarti' at Kansua Mahadev temple in Kota
Watch priest performing 'aarti' at Kansua Mahadev temple in Kota on ETV's show Aarti.
SAMARPAN KANSHU SHIV MANDIR
this is kansua temple,A FAMOUS SHIV TEMPLE....situated in Kota,Rajasthan,INDIA....very spiritual and silent place. in this temple KING BHARAT born...our nation is named on this king's name.
Kansua Shiv Temple(kota Rajasthan)
Kasua kota shiv temple on occasion of basant panchami
Subscribe my channel and like n comments
Follow me on-
Insta-__ankit_varma_
Fb-ankit.verma.50901101
Kota DCM road Aerodrum circle Hanuman Mandir Near GOVT Polytech
Hanuman Mandir. Guru Laxman Das
Shiv Temple Kansuwa Dhaam kota Rajasthan।। Story of Shiv Temple kansuwa kota ।। By News & Entertain.
इस वीडियो में कोटा के कंसुआ क्षेत्र में स्थित शिव मंदिर के बारे में बताया गया है तथा इस मंदिर की पूरी व्याख्या इस वीडियो में की गई है इसमें बताया गया है कि यह मंदिर किसका था ?
तथा इस मंदिर को कितने साल हो गए ?
यह मंदिर कितना पुराना है?
तथा इस मंदिर की क्या कहानी है?
यह सब आपको इस वीडियो में देखने को मिलेगा, सुनने को मिलेगा तो प्लीज़ ज्यादा से ज्यादा इस वीडियो को शेयर करें
एंड लाइक करें
और यदि कोई गलती हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं तथा
आप इस चैनल तक पहुंचे हो तो प्लीज चैनल को सब्सक्राइब भी कर ले
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आपका दिन बहुत बहुत ज्यादा शुभ हो
धन्यवाद
#kota
#kansuwa
#shivtempleofkansuwakota
#shivmandir of #kansuwakota
#story of shiv temple of kansuwa kota
Kansuwa Shiv Temple kota rajasthan India
Kansuwa shiv temple Kota rajasthan India
किसने लगाया मुझे चावल में ?| woman cutting rice | charan chowki kota | dadh devi kota
rice harvesting by hand,rice harvesting in india
Women cutting rice india
दोस्तों आज की इस वीडियो में आप देखेंगे राजस्थान के कोटा के नजदीक श्रीनाथ जी की चरण चौकी यह वह स्थान है जो औरंगजेब के समय बृज से श्रीनाथजी को जब नाथद्वारा ले जाया जा रहा था तब यहां पर इस स्थान को चरण चौकी / कृष्ण विलास नाम से जाना जाता है यहां श्रीनाथ जी ने चतुर्मास किया था स्थान कोटा से करीब 15 किलोमीटर दूरी पर है इस स्थान पर यहां के राजा ने पूरा बंदोबस्त श्रीनाथजी और उनके साथ में जितने व्यक्ति थे उनके लिए किया साथ ही 5000 सैनिकों को भी सुरक्षा के लिए लगाया था और आज इस चरण चौकी में श्रीनाथजी के चरण दर्शन करने के लिए बहुत सारे लोग आते हैं एक ऐतिहासिक स्थान है इस वीडियो में आप दूसरा स्थान देखेंगे इसके नजदीकी और कोटा से करीब 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर डाढ़ देवी माता का मंदिर जो यहां के शाही परिवार की कुलदेवी है और कैथल के तवर राजपूतों ने इस मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी में करवाया था और उसके बाद आप देखेंगे राजस्थान के कोटा के नजदीक इन्हीं स्थानों के आस-पास के खेतों में चावल की खेती की कटाई करते हुए लोग
#shubhjourney #travel #tour #farm #farmer #women #rajasthan #kota #india #rice #rajputi #cutting #crops
Chandrasal Math Kota - The Ruined Millionaire Temple Of Shiv - Devvart Hada
सदियों तक नागा साधुओं ने जहां धूनी रमाई.. आज वहां सन्नाटा पसरा है।
मन्नत मांगने वालों की जहां कभी लंबी कतारें लगती थीं, अब उस देहरी पर चढऩे से भी लोग डरते हैं।
1100 साल से सीना ताने खड़ा राजस्थान का सबसे प्राचीन शिवमठ अब अपने वजूद को बचाने के लिए वक्त से लड़ रहा है। करोड़ों की संपत्ति भी इसे धराशायी होने से नहीं बचा पा रही... जी हां, यहां बात हो रही है दसवीं सदी के साधुओं की साधना स्थली चंद्रेसल मठ की। जिसे बचाने के लिए अब तक हुईं सारी सरकारी घोषणाएं कागजी ही साबित हुईं।
चंद्रलोई नदी के किनारे को नवीं सदी के आखिर में नागा साधुओं ने अपनी साधना के लिए चुना। कभी मगरमच्छों का सबसे बड़ा ठिकाना माने जाने वाला यह इलाका इन साधुओं को इतना भाया कि उन्होंने यहीं धूनी रमा ली और फिर तिकना-तिनका जोड़कर खुद ही अपने आराध्य का मंदिर बनाने लगे। दसवीं सदी की शुरुआत होने तक इस इलाके की ख्याति नागाओं के हर गढ़ में फैल चुकी थी और दूर-दूर से साधू यहां दीक्षा लेने आने लगे। नतीजन निर्माणाधीन मंदिर का स्वरूप बदलकर मठ में तब्दील हो गया।
इतिहासकार फिरोज अहमद के मुताबिक यह कच्छबघात शैली के प्रमुख निर्माणों में से एक है। साधुओं ने करीब 1.2 एकड़ इलाके में भगवान शिव का मंदिर और साधकों के रहने के लिए कमरों का निर्माण किया। चंद्रेसल मठ की महत्ता का अंदाज पदमश्री इतिहासकार डॉ. वीडी वाकड़ के उस उल्लेख से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने लिखा कि चंद्रेसल ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां शुतुरमुर्ग के अंडों पर पेंटिंग के अवशेष मिले हैं।
धराशायी हुई धरोहर
पुरातत्व विभाग की ओर से संरक्षित स्मारक घोषित करने के बाद साधुओं के हाथ बंध गए तो उन्होंने यहां से किनारा करना ही बेहतर समझा, लेकिन संरक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे महकमे ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन आजादी के बाद ग्यारह सौ साल पुरानी इस धरोहर की देखभाल करने वालों का टोटा पड़ गया और रखरखाव के अभाव में प्राचीन इमारत दरकने लगी।
दूसरी विडम्बना यह रही कि चंद्रेसल मठ की ख्याति साधना और दीक्षा स्थली के साथ-साथ सबसे समृद्ध ठिकाने के रूप में भी थी। जिसके चलते मठ खाली होते ही खजाने की तलाश में लोगों ने जहां मन किया खुदाई कर डाली। कुछ नहीं मिला तो लोग यहां की प्राचीन मूर्तियां ही चुरा ले गए। मेला प्रबन्ध समिति के सचिव प्रेमशंकर गौतम ने बताया कि रखरखाव के आभाव में वर्ष 2014 में मुख्य मंदिर का गुंबद भी धराशायी हो गया।
Kansuwa Shiv Temple kansuwa Kota Rajasthan India this is one of the historical place of Kota(1)
Kansuwa Shiv Temple kansuwa Kota Rajasthan India this is one of the historical place of Kota it is said that that is 1200 years old but it is written history and the undetected nobody knows because it is said it is also said that it is also said that it is the childhood place or toy play playing place of Maharaja Bharat from Hastinapur
Kansuva (Karnsuva) mandir kota rajasthan
If you visit Kota, you shall be amazed by its scenic beauty. Kota is also famous for its religious places which comprises of temples and other places of worship. Of all the Temples in Kota, Kansua Temple, Kota deserves special mention. It is a great site for Shaivaite pilgrim tour. In spite of being a favorite amongst Shaivaite devotees, Kota's Kansua Temple holds a lot of appeal to the other tourists as well. This is perhaps due to the extraordinary structure of the Shiva Lingam present inside the temple.
The Temples in Kota were conquered by the Hada chieftain Rao Deva. But during the reign of Jahangir, who had been a deep admirer of architectural works, paintings and other art forms, these temples were gifted to the Mughals by Madho Rao, the son of Rao Deva. Since the city of Kota is replete with abundant quantity of stone idols of various shapes and forms, gold stained glass works on the walls of the temples, silver mirror works embellishing the beauty and marvelous wall paintings, Jahangir accepted the ownership of Kota quite gladly. Therefore, you can also find a huge number of Mughal Paintings and Architectures over here.
Kansua maina Party
Kansua
कोटा के शिवपुरी धाम में है शिव का अनोखा संसार
एकमात्र मंदिर जहां हैं सैंकड़ों शिवलिंग, भक्तों की हर इच्छा होती है पूरी
सावन में नेपाल के बाद राजस्थान के इस मंदिर में एक साथ करें 525 शिवलिंग के दर्शन
नेपाल के बाद यह भारत का ऐसा मंदिर जहां कर सकते हैं 525 शिवलिंग के दर्शन
यहां 1 नहीं 525 शिवलिंग की पूजा होती है, इसी जगह भगवान शिव ने तोड़ा था ब्रह्मा और विष्णु का अहंकार
हिन्दूस्तान का एक अनोखा शिव मंदिर जहां होते हैं एक साथ सैकड़ों शिवलिंग के दर्शन
Please Subscribe ????
My Channel
कंसुआ धाम की यात्रा । A Visit ko Kansua Dham, Kota, Rajasthan
यहीं पर राजा भरत का जन्म हुआ जिसके नाम पर इस देश का नाम भारत पङा
1st feb dharmyatra
lord shiva temple in kota (rajasthan)
दाढ़ देवी माता मंदिर, उम्मेदगंज, कोटा | Shri Dadh Devi Temple, Kota, Rajasthan | SUBSCRIBE जरूर करें
दाढ़ देवी माता मंदिर, उम्मेदगंज, कोटा | Shri Dadh Devi Temple, Kota, Rajasthan | SUBSCRIBE जरूर करें
Trimmer:-
Power Bank :-
Youtube Channel Link:-
Please Like, Share and Subscribe my Youtube Channel
## Please Like kare aur Channel ko SUBSCRIBE karne ke liye Laal
rang ke Button par click kare ##
## चैनल को SUBSCRIBE करने के लिए लाल रंग के बटन पर क्लिक करे ##
दाढ़ देवी ! है ना अजीब सा नाम ? पर इंसान की आस्था, विश्वास और सोच की कोई सीमा नहीं होती। उसकी इसी फ़ितरत ने ना जाने कितने पूजा-स्थलों का निर्माण, कैसे-कैसे नामों से करवाया है। ऐसी ही एक आस्था का प्रतीक है, राजस्थान के कोटा शहर से करीब 20-22 की. मी. की दूरी पर हाडौती क्षेत्र के उम्मेदगंज नामक स्थान पर सुनसान सी जगह में स्थित एक मंदिर, जिसमें माँ दुर्गा को दाढ़ देवी के नाम से पूजा जाता है। इस मंदिर का निर्माण कैथून के तंवर राजपूतों ने अपनी कबीले की देवी की आराधना के लिए करवाया था। दस भुजाओं तथा त्रिनेत्र वाली माता सिंह पर आसीन हैं। हर हाथ में आयुध हैं। नागर शैली में चूना-पत्थर से बने इस मंदिर को बारह कलात्मक खंभों का सहारा दिया गया है। मंदिर के सामने एक हौज है जिसमें जमीन के अंदर से पानी आता है। साल के दोनों नवरात्रों में यहां मेला लगता है जिसमे भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां शिव तथा काल भैरव के भी मंदिर हैं। दुर्गा जी के इस नाम के पीछे एक जनश्रुति चली आ रही है, कहते हैं एक बार कोटा के राजा उम्मेद सिंह की दाढ़ में भयंकर दर्द उठा। जमाने भर के इलाज करवाने पर भी उनका कष्ट कम नहीं हुआ तो उन्होंने इसी मंदिर में जा माँ दुर्गा देवी की पूजा-अर्चना की जिससे उनका रोग ख़त्म हो गया। तब उन्होंने एक और मंदिर का निर्माण करवा इस मंदिर की प्रतिमा को नए मंदिर में स्थापित करना चाहा पर उनकी लाख कोशिशों के बावजूद मूर्ति टस से मस नहीं हुई। इसे माँ की इच्छा समझ, उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश छोड़, वहीँ यथावत उनकी पूजा होती आ रही है। दुर्गा जी के इस नाम के पीछे एक जनश्रुति चली आ रही है, कहते हैं एक बार कोटा के राजा उम्मेद सिंह की दाढ़ में भयंकर दर्द उठा। जमाने भर के इलाज करवाने पर भी उनका कष्ट कम नहीं हुआ तो उन्होंने इसी मंदिर में जा माँ दुर्गा देवी की पूजा-अर्चना की जिससे उनका रोग ख़त्म हो गया। तब उन्होंने एक और मंदिर का निर्माण करवा इस मंदिर की प्रतिमा को नए मंदिर में स्थापित करना चाहा पर उनकी लाख कोशिशों के बावजूद मूर्ति टस से मस नहीं हुई। इसे माँ की इच्छा समझ, उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश छोड़, वहीँ यथावत उनकी पूजा होती आ रही है। दुर्गा जी के इस नाम के पीछे एक जनश्रुति चली आ रही है, कहते हैं एक बार कोटा के राजा उम्मेद सिंह की दाढ़ में भयंकर दर्द उठा। जमाने भर के इलाज करवाने पर भी उनका कष्ट कम नहीं हुआ तो उन्होंने इसी मंदिर में जा माँ दुर्गा देवी की पूजा-अर्चना की जिससे उनका रोग ख़त्म हो गया। तब उन्होंने एक और मंदिर का निर्माण करवा इस मंदिर की प्रतिमा को नए मंदिर में स्थापित करना चाहा पर उनकी लाख कोशिशों के बावजूद मूर्ति टस से मस नहीं हुई। इसे माँ की इच्छा समझ, उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश छोड़, वहीँ यथावत उनकी पूजा होती आ रही है।
dussehra mela kota,dussehra ravan dahan
Mahadev Rameshwar mahadev bundi Rameshwar mahadev bundi jila Rameshwar mahadev ke bhajan Rameshwar mahadev ka mander Rameshwar mahadev ke song Rameshwar mahadev rajasthan Kansua shiv mandir kota rajasthan Kansua dham Dcm kota Kansua temple history Shive puri Dham kota Maha kal shiv mandir Ujjain shiv mandir Ujjain MP mahakal bhasm aarti mahakal baba shiv linga mahashivratri rameshwar mahadev waterfall 525 Shivlings 1008 bundi foreign tourists bundi fort kameshwar mahadev rajasthan mera bhola hai bhandari song,mera bhola hai bhandari status,damru wale mere bhole baba,tik tok viral song bhole baba,hanshraj raghuwanshi bhole baba song,bhole baba new song,new viral song shivratri bhole baba,mere bhole baba Whatsapp Status,mera bhola hai bhandari full screen Whatsapp status,kare nandi ki sawari shiv tandav shiv shankar ko jisne pooja bhola hai bhandari song bhola baba bam bhola baba shiv ji bhajan shiv tik tok video status shiv tik tok whatsapp status माता जी का गाना ,इंदरगढ़ की माता जी का मंदिर, mata chot ka barwara
Karnsuva mandir kota rajasthan uploaded By Dr. Manish.flv
Bharat ka naam kaise pada ? | 525 Shivling shivpuri kota | kansua mahadev kota
भारत का सच्चा इतिहास ?
कैसे बड़ा देश का नाम भारत कब बड़ा देश का नाम भारत किसका नाम था भारत किसके नाम से देश का नाम भारत कहा गया है कौन थे राजा भरत कहां जन्मे थे राजा भरत राजा भरत का जन्म स्थान राजस्थान के कोटा में स्थित है राजा भरत बचपन में जंगलों में शेर के साथ खेला करते थे राजा भरत ने बुरे आर्यव्रत को एकजुट किया राजा भरत ने पूरे भारतवर्ष को एक किया इसलिए भारत का नाम राजा भरत के नाम से पड़ा भारत
#भारत #bharat #india #tour #travel #shubhjourney #mahabharat #history #इतिहास
महाबली व्यामशाला कोटा डीसीएम कंसुआ????????2019