Kundi Bhandara Burhanpur, Madhya Pradesh !! Dharohar
Kundi Bhandara, Burhanpur, Madhya Pradesh, IBC24 Dharohar, Dharohar 3 Feb 2017
Kundi Bhandara, (Khooni Bhandara) Driving mysterious Well in Burhanpur, MP,रहस्यमयी कुंडी भन्डारा,
100 well supplying water to Burhanpur town without usage of pump / electricity, marvel of ancient enginerring,
100 well, lined one by one, as you go along the height of the well increases. to go 80 feet under it, lift is there take you under the wells to show cannel
Visit to know history of Mughal era.
यह है खूनी भंडारा, मिनरल वॉटर से भी शुद्ध है यहां का पानी, बनवाया था मुगलों ने
अरविंद पटेल,
बुरहानपुर.
हालांकि इसका संबंध खून से कतई नहीं है। यह है शुद्ध पानी का कभी खत्म न होने वाला भंडार। सतपुड़ा की पहाड़ियों से रिसकर सुरंगों में जमा हुआ पानी भूमिगत कुंडियों के माध्यम से शहर में सप्लाय होता है। यानी नलों की तरह कुंडियां बनी हैं। इस कारण इसका नाम बाद में कुंडी भंडारा हुआ। इसकी आश्चर्यजनक विशेषताओं के कारण यह दुनियाभर के विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय रहा है।
चार सौ साल पहले मुगल काल में पानी की यह अद्भुत संरचना बनाई गई थी। आज भी यह न सिर्फ जिंदा है बल्कि मिनरल वाटर से बेहतर गुणवत्ता का पानी बुरहानपुर शहर के एक हिस्से को मिल रहा है। पानी बांटने के लिए शहरभर में छोटी-छोटी कुंडियां बनी हैं इसलिए इसे कुंडी भंडारा भी कहा जाता है। इसका पानी नामी कंपनियों के मिनरल वाटर से भी शुद्ध है। यह कई संस्था और शोध से स्पष्ट हो चुका है। मिनरल वाटर का औसत पीएच 7.8 से 8.2 होता है, जबकि यहां के पानी का 7.2 से 7.5 है।
कुंडी भंडारा की खासियत
अकबर के शासनकाल में बुरहानपुर के सूबेदार अब्दुल रहीम खानखाना थे। उन्हें 1612 में इस भूमिगत जल भंडार का पता चला। 1615 में निर्माण कर पूरे शहर में सप्लाय शुरू की। तब पूरा शहर यही पानी पीता था।
बुरहानपुर की तरह विश्व में केवल ईरान में कुंडी भंडारा की तरह भूमिगत जल वितरण प्रणाली थी। हालांकि अब यह बंद पड़ी है। मुगलों का ईरान से नजदीकी रिश्ता रहा है, इसलिए यह प्रणाली वहीं से आयातित की गई है। हालांकि, जीवित प्रणाली अब केवल बुरहानपुर में है।
शहर के लालबाग क्षेत्र के 40 हजार से ज्यादा लोग कुंडी भंडारा का पानी पी रहे हैं। रोजाना सवा लाख लीटर पानी सप्लाय किया जाता है।
101 कुंडियां थी। अब कुछ धंसकर खत्म हो चुकी हैं। जल संरचना की बनावट इस तरह है कि पांच किमी दूर तक बगैर मोटर पंप के हवा के दबाव से पानी सप्लाय होता था। कुछ कुंडियां धंसने से अब जल वितरण के लिए पंप का सहारा लेना पड़ रहा है। शोध करने वाले सुधीर पारीख के मुताबिक साइफनिक पद्धति से तब पूरे शहर में पानी सप्लाय होता था।
विश्व विरासत में शामिल करने के प्रयासों में तेजी
विश्व विरासत की सूची में खूनी भंडारा को शामिल करने के लिए 2007 में यूनेस्को की टीम बुरहानपुर का दौरा कर चुकी है। यहां का पहुंच मार्ग खराब होने और छोटी-मोटी कमियों के कारण तब इसे शामिल नहीं किया जा सका। नगर निगम में नई परिषद बनने के बाद प्रयासों में फिर तेजी आई है। महापौर अनिल भोंसले का कहना है 25 करोड़ रुपए से पातोंडा के पास रेलवे ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। तब पर्यटक सीधे कुंडी भंडारा पहुंच सकेंगे। यूनेस्को की सारी शर्ते पूरी की जा रही हैं। राज्य सरकार से बात करके जल्द इसे सूची में शामिल कराया जाएगा।
kundi bhandara (khuni-bhandara, Burhanpur MP)
In 1615 AD, the construction of a unique water collection-distribution system started in the Shishan Kalan of Mughlo. Such a system was operated in Iran-Iraq country during that time. The technique of this system was obtained from these countries only. 8 water storage-distribution systems were created during that time with the objective of supplying accessible water to the city dwellers. These two went much destroyed before the remaining 6 were operated later.
Amazing 400 yrs old water system (kundi bhandara) in Bhuran
Amazing 400 yrs old water system (kundi bhandara) in Bhuranpur . Still functioning and one of a kind in world .
Kundi Bhandara (khooni Bhandara) Burhanpur part 2
Amazing engineering from past. Visit with a world class scientist.
Kundi Bhandara - Burhanpur - Madhya Pradesh
Kundi Bhandara is a 400 year old water harvesting system designed by Abdul Rahim Khankhana in1600 AD by building a channel 80 feet below the ground. This channel gets water seeping from calcareous layers. The channel has 103 openings on the ground called Kundis on its way to city of Burhanpur to provide flow of air and also for access to water.It was a support system for water during emergencies and attacks. The quality of water is very high and the best part is that the system is still in use.
Kundi Bhandara (khooni Bhandara) Burhanpur
An amazing journey to extraordinary engineering from history with a world class water scientis.
Khooni Bhandara| Khooni Bhandara Burhanpur Location
कुंडी भंडारा या खूनी भंडारा महाराष्ट्र की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में नगरवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने की एक जीवित भू-जल संरचना है। मध्यकालीन भारत की इंजीनियरिंग कितनी समृद्ध रही होगी यह बुरहानपुर के कुंडी भंडारे को देखने से ही पता चलता है। 400 साल पुरानी ये जल यांत्रिकी आधुनिक युग के लिए भी एक कठिन पहेली है। उस समय कैसे सतपुड़ा की पहाड़ियों के पत्थरों को चीरकर नगर की जल आवश्यकताओं को पूरा किया गया होगा, जब न तो आज की तरह मशीनें थीं और न ही भू-गर्भ में बहते पानी के श्रोतों का पता लगाने वाले यंत्र।
मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में बुरहानपुर एक प्रमुख सैनिक छावनी थी। सुप्रसिद्ध असीरगढ़ के किले से थोड़ी दूरी पर स्थित बुरहानपुर को दक्कन का द्वार माना जाता था। दिल्ली के सुल्तान इसी जगह से दक्कन के भूभाग पर नियंत्रण के लिए सैन्य अभियान संचालित करते थे। असीरगढ़ के किले पर विजय के बाद अकबर ने अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना को बुरहानपुर का सुबेदार नियुक्त किया। लेकिन सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच बसे इस शहर में पेयजल की भारी किल्लत थी जिसे दूर करने के लिए रहीम ने शहर के आस-पास जल स्रोतों की तलाश शुरू कर दी।
शहर से 6 किलोमीटर दूर सतपुड़ा की तलहटी में अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना को एक जल स्रोत मिला और उनके मन में इस जल को नगर तक पहुंचाने का विचार पलने लगा। रहीम ने इस कार्य के लिए अभियांत्रिकी में कुशल अपने कारीगरों से मशविरा किया और इस जल को नगर तक लाने के लिए सन् 1612 ईं में जमीन से 80 फीट नीचे घुमावदार नहरों के निर्माण पर कार्य शुरू हो गया। दो साल तक अनवरत चले खनन कार्य और पत्थरों से चिनाई के बाद तीन किलोमीटर लंबी नहर के जरिए शुद्ध पेयजल को को सन् 1915 ईं में जाली करंज तक पहुंचाया गया।
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post by Dr.Pankaj Wankhade
देखा है खूनी भंडारा ? ज़मीन के 80 फीट नीचे ... Khooni Bhandara
बुरहानपुर को मुगल दौर में दक्षिण का द्वार कहा जाता था, लिहाज़ा मुगलों ने इस जगह पर अपनी छावनी बना दी जिसमें दो लाख सैनिक थे , इस जगह का शासक अब्दुर्रहीम ख़ानखाना को बना दिया गया ... वही रहीम जिन्होंने रहिमन नाम से कई छन्द , दोहे भी लिखे ... रहीम ने ये पता चलने के बाद कि सतपुड़ा के पहाड़ों के नीचे मीठे पानी का भंडार है , ईरान के मिस्त्री और कारीगरों के साथ मिलकर ज़मीन से अस्सी फीट नीचे सुरंगें बनवाईं , ये सुरंगें तीन किलोमीटर इलाके में बनवाईं गईं और इनसे आज भी लोगों को पानी की सप्लाई की जाती है ...
कैल्शियम की परत जमने से 403 साल में कुंडी भंडारा सबसे सूखा, 5 इंच पहुंचा जलस्तर
A unique underground water management structure of the Mughal era in Burhanpur district of Madhya Pradesh, known as the ‘Kundi Bhandara’ or ‘Khooni Bhandara. Khooni Bhandara is a network of Kundis (well-like structures), which are interconnected through an underground tunnel. The system ensured a smooth course of water from the first to the last Kundi, based on the law of gravity.
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Top Place to Visit in Burhanpur / बुरहानपुर में घूमने वाली 13 प्रमुख जगह
Hello Friends, In this video, I will tell about the Burhanpur district of MP state. Burhanpur is a district of MP State. It is located on the banks of Tapti river of Madhya Pradesh. There are many Tourist places in Burhanpur.
Burhanpur Tourist Place:
1. Black Taj (Tomb Of Shah Nawaz Khan) (शाह नवाज खाँ का मकबरा)
2. Jama Masjid (जामा मस्जिद)
3. Asirgarh Fort (असीरगढ़ का किला )
4. Akbari Saray (अकबरी सराय)
5. Mahal Gulara (महल गुलआरा)
6. Raja Jay Singh Ki Chhatri (राजा जय सिंह की छतरी)
7. Khuni Bhandara or Kundi Bhandara (खूनी भण्डारा या कुंडी भंडारा )
8. hammam or Royal bath (शाही हमाम)
9. Dargah-e-Hakimi (दरगाह-ए-हकीमी)
10. Gurudwara (गुरुद्वारा)
11. Ahukhana (आहूखाना)
12. Tapti ghat (ताप्ती नदी के घाट )
13. Shahi Qila (शाही किला )
14. Moti Mahal (मोती महल )
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India/ Burhanpur (Central India) Part 49
Welcome to my travelchannel.On my channel you can find almost 1000 films of more than 70 countries. See the playlist on my youtube channel.Enjoy!
Burhanpur:
Burhanpur is a mid-size city in Madhya Pradesh state, India. It is the administrative seat of Burhanpur District. It is situated on the north bank of the Tapti River, 340 kilometres (211 mi) southwest of Bhopal and 540 kilometres (336 mi) northeast of Mumbai. The city has a Municipal Corporation, and also is one of the district headquarters of the state of Madhya Pradesh.
Tourism
Burhanpur is gifted with large number of tourist spots. Firstly credited as a glorious past, that it has been ruled by several dynasties, it got many Historical places to be proud of. Secondly, the benefit of having three rivers, Tapti, Utavali & Mohna; has given many beautiful natural sights to Burhanpur. This small town has four small ghats. Being the home of a very diverse population, Burhanpur has an all India famous Gurudwara, Masjid, Church, a world famous Dargah & many well known Temples such as Swami Narayan Temple, Ganesh Temple etc.
JAMA MASJID is one of the famous buildings constructed during Farooqi rule in India. In early days when the population of Burhanpur was very less and mostly in Northern Burhanpur, a Jama Masjid was constructed in ward Itwara by Begum Ruquiya wife of King Azam Humayun in 1529. This was the first Jama Masjid in Burhanpur and is known as Bibi Ki Masjid.As the population increased and spreaded all throughout the city, it was then King Adil Shah Farooqi who decided to build a bigger mosque in the center of the city. The foundation of the present Jama Masjid was laid in 1590. After a hard work round the clock for five years this Masjid was completed in 1595. This Masjid is similar to the Jama Masjid in Delhi.
History of Jama Masjid :
There is a history behind the Jama Masjid built in Burhanpur, Madhya Pradesh. During 1421, when most of the population of Burhanpur lived to the north, Azam Humayum built the Jama Masjid in Etwara called the Bibi Ki masjid. But soon with the growth of the city, ruler Adil Shah built the present Jama Masjid in the centre of the town, easily accessible to all the people living in Burhanpur. The construction of the Jama Masjid was started in 1590 and completed 5 years later.
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Historical place in burhanpur m.p
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Namsty dosto
Es videome aap ek killa dekhenge madhyapradesh me burhanpur jilheme burhanpur se 20 kilometer ki duri par ye kila stith hai jise asa ahir namak ek faruki ne banaya tha uske nma se is kile ka nam asirgarh pada iska nirman 15 vi sadime kiya gaya hai yahapar gupteshvar mahadev mandir hai esa mana jata hai ki guru dron ke putra ashvtthama jo ki sapta chiranjivi mese ek hai ve yaha pratidin puja karane ate haito janiye aairgarh ki puri kahani es video me yah historical kila apko jarur pasand ayega Ye video agar apako pasand ayaho to like share and subscribe karana mat bhuliye please
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Ajab Bhi-Gazab Bhi | कुंडी भंडारा उर्फ़ खूनी भंडारा का इतिहास
कुंडी भंडारा या खूनी भंडारा महाराष्ट्र की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में नगरवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने की एक जीवित भू-जल संरचना है। मध्यकालीन भारत की इंजीनियरिंग कितनी समृद्ध रही होगी यह बुरहानपुर के कुंडी भंडारे को देखने से ही पता चलता है। 400 साल पुरानी ये जल यांत्रिकी आधुनिक युग के लिए भी एक कठिन पहेली है। उस समय कैसे सतपुड़ा की पहाड़ियों के पत्थरों को चीरकर नगर की जल आवश्यकताओं को पूरा किया गया होगा, जब न तो आज की तरह मशीनें थीं और न ही भू-गर्भ में बहते पानी के श्रोतों का पता लगाने वाले यंत्र। [1][2]
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2 लाख सैनिकों की प्यास बुझाने 400 साल पहले खोदी गई थी ये सुरंगें, इसे कहते हैं खूनी भंडारा
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BURHANPUR The Best City
The city of Burhanpur is rich in culture, diversity and in archaeological importance.A number cultural,natural and historical heritage sites are there like jama masjid,kundi bhandara,shahi qila etc respectively.This city should want to be include in UNESCO world heritage site.
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IBC24 बुरहानपुर में विश्व की एकमात्र जीवित जल प्रणाली कुण्डी भंडारा पर कलेक्टर ने लगाई धारा 144
बुरहानपुर में विश्व की एकमात्र जीवित जल प्रणाली कुण्डी भंडारा पर कलेक्टर ने लगाई धारा 144 खबर IBC24 पर