The 11th Century Mahanal Temples and Math Menal, India
There was an Eleventh Century Shiva Temple on the way to Bijaipur and our driver said it was worth seeing. So, in Marine Steve and I went.
This exquisite temple complex has walls carved with motifs of Hindu deities and various other themes, along with images of elephants. Images of Shiva and Parvati are the main subject of the engravings who are depicted in various postures and surrounded by dancers, musicians, lesser gods and animals.
Halfway up the pagoda is a large stone lion, perhaps depicting victory while a number of smaller ruined temples lie around the Shiva temple.
Tour The Biggest Fort in India: Astonishing UNESCO Chittorgarh Fort
This is a very l-o-n-g video and I wouldn't blame you for not sticking it out but Chittorgarh Fort is the largest in India...humungous is a better word...and there is a lot to see inside.
New guide Shemeish?? (He was probably our 10th guide, minimum and I lost track of names) related so many interesting facts that I had to retain them in the video, e.g., queen and women sacrificing themselves in a funeral pyre, and Queen Padmini.
Chittorgarh Fort is usually included in all tours of Rajasthan so don't expect to be alone there...
Menal temple and waterfall (Hindi)
Please watch: Enchanting Menal, Rajasthan || Manmohak menal || मनमौहक मेनाल, राजस्थान || visit india with ssjoshi
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प्रकृति और संस्कृति का संगम स्थल ' मेनाल, बेमिसाल हैं यहाँ का वॉटर फाल
यहाँ के मंदिरों का बेजोड़ शिल्प स्थापत्य , सुरम्य जलप्रपात और हरतरफ प्रकृति की मनोरम छठा देख कर आप हर्षविभोर हो उठेंगे।
यहाँ महानालेश्वर मंदिर का मूर्तिशिल्प देखते ही बनता हे। मुर्तिया खजूराहो की अनुकृतियाँ लगती हे.
मेनाल का वॉटरफॉल विश्व प्रसिद्ध हे। यह बरसात में बहुत सुन्दर लगता हे। यहाँ की सघन वनाच्छादित घाटी भी आकर्षण का केन्द्र हे। मेनाल राजस्थान में चित्तोडगढ़ और भीलवाड़ा जिले की सीमा पर नेशनल हाइवे न. 27 पर है।
Episode 1- Menal.
Here is very first episode from our travel series ROADS TO THE UNKNOWN. MENAL is situated near district BHILWARA, RAJASTHAN. The place is mystical and full of peace. Menal temple is dedicated to Lord Shiva. The Monastery was built by an ascetic Bhavabrahma in 1169A.D. during the reign of Chahmana king Prithviraj II (1164-69 A.D.) The temple across the stream s built by Suhiya Devi, The wife of Chahmana Prithviraj II.
We made this video to inspire Travellers all over the world to visit this fantastic place if you come to INDIA.
Song: T & Sugah - Sleepless (feat. MVE) [NCS Release]
Music provided by NoCopyrightSounds.
Watch:
Download/Stream:
The temples of Menal (Rajasthan)
Les temples de Menal, Die Bügel von Menal, Los templos de Menal, Os temples de Menal, Le tempie di Menal
该寺院Menal, Menalの寺院, Menal의 사원, Храмы Menal
VALPARD FILMS
मेनाल मंदिर
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मेनाल मंदिर की मूर्ति की कलाकृति
Luxurious Castle Bijaipur Hotel - Bijaipur, India
Castle Bijaipur is located three hours from Bundi and when my tour operator mentioned the words castle hotel, I immediately booked one extra night for a little R&R.
This 16th Century castle was built by Rao Shakti Singhji, the younger brother of the great warrior Maharana Pratap and still occupied by the royal family. The current Rawat (another name for King or Maharajah was thoughtful enough to appear in the video.
A group of 10 women from Yoga on a Shoestring in the UK were also guests along with us. They were busy practicing yoga twice a day, trying other activities and touring while we sat around and did nothing! Hallelujah... It was about time.
Menal Chittorgarh
मेनाल के मंदिर और जल प्रपात – चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ से 70 किलोमीटर और बूंदी से तक़रीबन 100 किलोमीटर दुरी पर कोटा चित्तौड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित, धार्मिक श्रद्धा और प्रकृति के सौदर्य का अद्भुत संगम है मैनाल| बरसाती नदी महानल के किनारे स्थित ये स्थल बारिश के दिनों में स्वर्ग बन जाता है और महानल नदी के 120 फीट उंचाई से कठोर ग्रेनाईट की चट्टानों पर गिरने वाले जलप्रपात का आनद लेने के लिए और कोटा ,बूंदी,चित्तौड़गढ़,भीलवाड़ा,उदयपुर के लोग उमड़ पड़ते है|प्राचीनकाल में शैव सम्प्रदाय का प्रमुख केंद्र रहे मैनाल के महानालेश्वर मंदिर तथा अन्य मंदिरों का स्थापत्य और मूर्तियों का शिल्पांकन अद्भुत है इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है| माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2015 में आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मैनाल की तारीफ़ की है|
मेनाल के बाहर लगे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रस्तर पर उत्कीर्ण लेख के अनुसार शिव को समर्पित महानाल का यह मंदिर चाह्मानो के शासनकाल में शैवसम्प्रदाय का एक बड़ा केंद्र था जहां 11 वी शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण भूमिज शैली में किया गया था| बिजोलिया के शिलालेख (1170 इसवी) में इसे एक तीर्थ स्थान के रूप में उल्लेखित किया गया है| इस मंदिर की योजना में एक गर्भगृह,एक अंतराल, समवर्ण छत वाला एक रंगमंडप तथा एक छोटे प्रवेश मंडप के साथ उसके सामने स्थित एक नंदी मंडप सम्मिलित है| मंदिर की बाह्य दीवारों पर उत्कीर्ण प्रतिमाये बनावट की उत्कृष्ट शैली का प्रतिनिधित्व करती है| मुख्य मंदिर के उत्तर पश्चिम में स्थित दो अन्य लघु मंदिर (लगभग आठवी शताब्दी) क्रमश गणेश अवं गौरी को समर्पित है| इस भव्य संरचना का निर्माण एक शैव मठ के उद्देश्य से किया गया था| जिसे घटपल्लवों से युक्त अलंकृत स्तंभों द्वारा सुसज्जित किया गया है| एक अभिलेख से विदित होता है की इस मठ का निर्माण चाहमान शासक पृथ्वीराज द्वितीय के शासनकाल सन 1164 - 1169 इसवी में संत भावब्रम्हा के द्वारा 1169 में किया गया था|झरने के उस पार बना एक अन्य शिव मंदिर चाहमान शासक पृथ्वीराज द्वितीय की पत्नी सुहियादेवी द्वारा बनवाया गया था|
प्रसिद्ध इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा के अनुसार मैनाल बेंगु के सरदार की जागीर का गाँव है |यहाँ श्वेत पाषाण का बना हुवा महानालदेव का विशाल शिवालय मुख्य है और इसी के नाम से इस गाँव का नाम मैनाल पड़ा है|मेनाल के मंदिरों का निर्माण चौहान शासको द्वारा करवाया गया था मंदिर के पास दो मंजिला मठ बना हुवा है जिसकी दूसरी मंजिल के एक स्तम्भ पर अजमेर के चौहान राजा पृथ्वीराज द्वितीय के समय का विक्रम संवत १२२६ का लेख खुदा है (माह अंकित नहीं है) जिसके अनुसार इस मठ का निर्माण भावब्रम्ह मुनि द्वारा करवाया गया था|महानाल के मंदिर के आगे कई शिवमंदिर भग्नावस्था में पड़े है जो वहा के महंतो की समाधियो पर बने हुवे प्रतीत होते है | यहाँ से कुछ अंतर पर (नाले के दूसरी तरफ) पृथ्वीराज द्वितीय की रानी सुहवदेवी (रूठी रानी) के महल और उसी का बनवाया हुवा सुहवेश्वर नामक शिवालय है जो विक्रम संवत १२२४ में बना था, ऐसा वहा के लेख से ज्ञात होता है|
मैनाल के आस पास होने वाले खनन से मेनाल के मंदिरो को और विशेषकर महानालेश्वर के मंदिर को अत्यत क्षति पहुंची है इस मंदिर के रंग्मंड़प की छत में स्थित प्रस्तर की बीम में दरार आ गई है जिसे गिरने से बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा तीन तरफ लकड़ी के आधार स्तम्भ लगाए गए है| मेनाल के मंदिरों को बचाने के लिए मंदिर के आस पास होने वाले खनन को रोका जाना आवश्यक है| मित्रो आप कब जा रहे है इस धर्म और प्रकृति के सौदर्य के अद्भुत संगम स्थल को देखने के लिए ???
जय जय ......शरद व्यास 30-08-17
THE SHIV TEMPLE AND WATER FALL MENAL
विश्व में प्रसिद्ध हे
Meera ka Temple Chittor Garh
Meera ka Temple Chittor Garh
मेनाल का इतिहास 2019
जोगणिया माता यात्रा 2019
Menal
मेनाल के मंदिर और जल प्रपात – चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ से 90 किलोमीटर और बूंदी से तक़रीबन 70 किलोमीटर दुरी पर कोटा चित्तौड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित, धार्मिक श्रद्धा और प्रकृति के सौदर्य का अद्भुत संगम है मैनाल| बरसाती नदी महानल के किनारे स्थित ये स्थल बारिश के दिनों में स्वर्ग बन जाता है और महानल नदी के 120 फीट उंचाई से कठोर ग्रेनाईट की चट्टानों पर गिरने वाले जलप्रपात का आनद लेने के लिए और कोटा ,बूंदी,चित्तौड़गढ़,भीलवाड़ा,उदयपुर के लोग उमड़ पड़ते है|प्राचीनकाल में शैव सम्प्रदाय का प्रमुख केंद्र रहे मैनाल के महानालेश्वर मंदिर तथा अन्य मंदिरों का स्थापत्य और मूर्तियों का शिल्पांकन अद्भुत है इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है| माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2015 में आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मैनाल की तारीफ़ की है|
मेनाल के बाहर लगे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रस्तर पर उत्कीर्ण लेख के अनुसार शिव को समर्पित महानाल का यह मंदिर चाह्मानो के शासनकाल में शैवसम्प्रदाय का एक बड़ा केंद्र था जहां 11 वी शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण भूमिज शैली में किया गया था| बिजोलिया के शिलालेख (1170 इसवी) में इसे एक तीर्थ स्थान के रूप में उल्लेखित किया गया है| इस मंदिर की योजना में एक गर्भगृह,एक अंतराल, समवर्ण छत वाला एक रंगमंडप तथा एक छोटे प्रवेश मंडप के साथ उसके सामने स्थित एक नंदी मंडप सम्मिलित है| मंदिर की बाह्य दीवारों पर उत्कीर्ण प्रतिमाये बनावट की उत्कृष्ट शैली का प्रतिनिधित्व करती है| मुख्य मंदिर के उत्तर पश्चिम में स्थित दो अन्य लघु मंदिर (लगभग आठवी शताब्दी) क्रमश गणेश अवं गौरी को समर्पित है| इस भव्य संरचना का निर्माण एक शैव मठ के उद्देश्य से किया गया था| जिसे घटपल्लवों से युक्त अलंकृत स्तंभों द्वारा सुसज्जित किया गया है| एक अभिलेख से विदित होता है की इस मठ का निर्माण चाहमान शासक पृथ्वीराज द्वितीय के शासनकाल सन 1164 - 1169 इसवी में संत भावब्रम्हा के द्वारा 1169 में किया गया था|झरने के उस पार बना एक अन्य शिव मंदिर चाहमान शासक पृथ्वीराज द्वितीय की पत्नी सुहियादेवी द्वारा बनवाया गया था|
प्रसिद्ध इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा के अनुसार मैनाल बेंगु के सरदार की जागीर का गाँव है |यहाँ श्वेत पाषाण का बना हुवा महानालदेव का विशाल शिवालय मुख्य है और इसी के नाम से इस गाँव का नाम मैनाल पड़ा है|मेनाल के मंदिरों का निर्माण चौहान शासको द्वारा करवाया गया था मंदिर के पास दो मंजिला मठ बना हुवा है जिसकी दूसरी मंजिल के एक स्तम्भ पर अजमेर के चौहान राजा पृथ्वीराज द्वितीय के समय का विक्रम संवत १२२६ का लेख खुदा है (माह अंकित नहीं है) जिसके अनुसार इस मठ का निर्माण भावब्रम्ह मुनि द्वारा करवाया गया था|महानाल के मंदिर के आगे कई शिवमंदिर भग्नावस्था में पड़े है जो वहा के महंतो की समाधियो पर बने हुवे प्रतीत होते है | यहाँ से कुछ अंतर पर (नाले के दूसरी तरफ) पृथ्वीराज द्वितीय की रानी सुहवदेवी (रूठी रानी) के महल और उसी का बनवाया हुवा सुहवेश्वर नामक शिवालय है जो विक्रम संवत १२२४ में बना था, ऐसा वहा के लेख से ज्ञात होता है|
मैनाल के आस पास होने वाले खनन से मेनाल के मंदिरो को और विशेषकर महानालेश्वर के मंदिर को अत्यत क्षति पहुंची है इस मंदिर के रंग्मंड़प की छत में स्थित प्रस्तर की बीम में दरार आ गई है जिसे गिरने से बचाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा तीन तरफ लकड़ी के आधार स्तम्भ लगाए गए है| मेनाल के मंदिरों को बचाने के लिए मंदिर के आस पास होने वाले खनन को रोका जाना आवश्यक है| मित्रो आप कब जा रहे है इस धर्म और प्रकृति के सौदर्य के अद्भुत संगम स्थल को देखने के लिए ???
जय जय ......शरद व्यास
Nice view in Menal, Distt. Bhilwara
Latest video......
सावन ने दिखाई रंगत, मेनाल झरना पूरे शबाब पर
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Menal Water fall Bhilwara || Menal Jheel in summer||
Around Bundi are deep gorges surrounded by forests, and within these lie the ruins of a 12th century palace. The name Menal is derived from Maha Nal (great gorge), and that is what Menal really is. It is located on the Bhilwara-Kota road, 80 kms away from Bhilwara. It has beautiful waterfall, where water fall to a depth of 150 feet in a v-shaped valley with great force.
video made in Summer season
(june, july)
Menal Rajasthan
menal tour 2017
friends menal tour 2017
221. Rameshwar mahadev, Bundi Green Hill Station of Rainy Season
Follow this link to visit Rameshwar Mahadev, Bundi
Please watch the video:
220. Magnificent Natural Beuty Bhimlat waterfall In bundi Scene from year 2018-2019
Bhimlat Waterfalls an Oasis in Desert land of , Bundi, Rajasthan हर हर महादेव सावन की पहली फ़ुहार
Green Station
Rainy Season
Heavy rain in Bundi
White noise
Love for nature
Monkey King
Religious Place bundi
tourism in Rajasthan
MENAL न्यूज़
मेनाल पर पुरातत्व विभाग की लापरवाही (SHYAM VIJAY)