इजराइल के साहस की वो महान गाथा जिसे सुनकर दंग रह जायेंगे आप
बात है आज से 42 वर्ष पूर्व 27 जून 1976 की, इजराइल के शहर तेल अवीव से पेरिस जा रही एयर फ़्रांस की फ़्लाइट ने एथेंस में रुकने के बाद फिर से उड़ान भरी ही थी कि चार अपहरणकर्ताओं जिसमें से दो फिलिस्तीन और दो जर्मनी के थे ने उस विमान का अपहरण कर लिया,इस विमान में ज्यादातर इजराइल के यहूदी नागरिक सवार थे,
विमान को बंधक बनाने के बाद उन्होंने पायलट को लीबिया के शहर बेनागाजी चलने का आदेश दिया,जहाँ पर विमान में इंधन भरा गया,और उसके बाद विमान को युगांडा स्थित एन्तेबे एयर पोर्ट पर ले जाया गया.
उस समय युगांडा में तानाशाह इदी अमीन का शासन था जोकि अपहरणकर्ताओं से सहानुभूति रखता था,और एक तरह से उनकी मदद कर रहा था..
अपहरणकर्ताओं ने मांग की कि इजराइल, कीनिया और तत्कालीन पश्चिमी जर्मनी की जेलों में रह रहे 54 फ़िलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए नहीं तो वे बंधकों को एक-एक करके मारना शुरू कर देंगेl
एक देश के रूप में इजराइल के लिए ये एक बहुत बड़े संकट की घडी थी,उसके सैकड़ों नागरिकों के जान का सवाल था, बंधकों में इजराइल के तात्कालिक प्रधानमंत्री राबिन्स के रिश्तेदार भी शामिल थे,, इजराइली सरकार पर दो तरफ़ा दबाव था एक ओर अपने देश के नागरिकों के सुरक्षा का वहीँ दूसरी ओर इजराइली आत्मसम्मान का जो उन्हें अपहरणकर्ताओं के आगे घुटने टेकने नहीं दे रही थी...
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music credit-
Killers Kevin MacLeod (incompetech.com)
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