Tapeshwari Devi Temple ????
कानपुर (जेएनएन)। बिरहाना रोड पर स्थापित मां तपेश्वरी देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां अखंड ज्योति जलाते हैं भगवती उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं। यहां लखनऊ, रायबरेली, फर्रुखाबाद आदि जिलों से आकर मां के दर्शन करते हैं और मां के दरबार में अखंड ज्योति जलाते हैं। बच्चों का यहां मुंडन भी होता है। मां के 108 नामों का जप नवरात्र में करना चाहिए। मां के नामों का जप करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की कामना पूरी होती है।
मां तपेश्वरी मंदिर का इतिहास
जब लंका पर विजय के बाद भगवान राम अयोध्या पहुंचे तो धोबी के ताना मारने पर मां सीता को उन्होंने त्याग दिया था। लक्ष्मण जी जानकी जी को लेकर ब्रह्मावर्त स्थित वाल्मीकि आश्रम के पास छोड़ गए थे। आज जहां तपेश्वरी माता मंदिर स्थित है तब वहां घना जंगल था और मां गंगा वहीं से बहती थीं। सीता जी ने तब यहां पुत्र की कामना के लिए तप किया था। भगवती सीता के तप से ही तपेश्वरी माता का प्राकट्य हुआ था। लव कुश के जन्म के बाद सीता जी ने मां के समक्ष ही दोनों पुत्रों का मुंडन कराया था।
मंदिर जाने का रास्ता
सेंट्रल स्टेशन से घंटाघर, नयागंज होते हुए बिरहाना रोड। घंटाघर से एक्सप्रेस रोड, मालरोड, बिरहाना रोड पहुंचा जा सकता है। रावतपुर से बड़ा चौराहा, मालरोड होते हुए भी मंदिर पहुंच सकते हैं। मंदिर के पुजारी शिवमंगल बताते हैं कि मां सब पर कृपा करती हैं। मां तपेश्वरी के दर्शन पूजन से समस्त कष्टों का निवारण होता है। इस लिए मां के दर्शन को दूर दराज से लोग आते हैं।
मां भवानी के इन 108 नाम जपें और पाएं समृद्धि
-सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चण्डघण्टा, महातपा :, मन: , बुद्धि : मां दुर्गा का नाम है।
-अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति:, सर्वमन्त्रमयी, सत्ता, सत्यानन्दस्वरूपिणी, अनन्ता, भाविनी, भाव्या, भव्या, अभव्या, सदागति:, शाम्भवी, देवमाता, चिन्ता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या के नाम से भी मां जानी जाती हैं।
-दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरीधाना, कलमंजीररंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी भी मां के नाम हैं।
-ऐन्द्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुण्डा , वाराही, लक्ष्मी: , पुरुषाकृति:, विमला, उत्कर्षिणी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रेमा, सर्ववाहनवाहना, निशुम्भशुम्भहननी भगवती का नाम है।
-महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहन्त्री, चण्डमुण्डविनाशिनी, सर्वासुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी भगवती का नाम है।
-कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति:, अप्रौढा, प्रौढा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि:, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली नाम भी भगवती दुर्गा का है।
-विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदूती, कराली, अनन्ता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा व ब्रह्मवादिनी नाम से भी भगवती की स्तुति होती है।