Nagarkot ki Rani Temple | Queen of City Wall History, Reviews & Photos
An archaeologically important and ancient temple situated in south-west of Ujjain on the marsh ramparts is the Nagarkot Ki Rani Temple ('queen of the city wall') and considered the protector of ancient Ujjain. It is associated with many has many popular folklores of Bharthihari and Vikramaditya and the traditions of Natha sect. Other highlights include a tank dating to the Paramar period and two temples on each side of Nagarkot temple. One of the temples is of the Gupta period and its main deity is Lord Karthikeya
Shree Brajeshwari Devi Mandir | Shaktipeeth - Kangra | Indian Temple Tours
The temple of Vajreshvari is located in the town of Nagarkot, Kangra district, Himachal Pradesh, India
The original temple was built by the Pandavas at the time of Mahabharatha. Legend says that one day Pandavas saw Goddess Durga in their dream in which she told them that she is situated in the Nagarkot village and if they want them self to be secure they should make a temple for her in that area otherwise they will be destroyed. That same night they made a magnificent temple for her in the Nagarkot village. This temple was looted a number of time by the Muslim invaders. Md Gaznavi looted this temple at least 5 times, in the past it used to contain tonnes of gold and many ghantas made of pure silver. In 1905 the temple was destroyed by a powerful earthquake and was subsequently rebuilt by the government.
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उज्जैन नगरकोट माता मंदिर का वायरल वीडियो साबित हुआ झूठा देखिए देखिए आखिर क्या थी हकीकत
सामना ई जिला प्रशासन की लापरवाही
दर्शन नगरकोट मंदिर | क्यों कहा जाट हे नगरकोट माता | किस राजा बनवाया नगरकोट मंदिर...
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उज्जैन में ऐसे कई प्रसिद्ध देवी मंदिर है, जिनका उल्लेख पुराणों में तो मिलता ही है वहीं सम्राट विक्रमादित्य काल में भी इन मंदिरों का विशेष महत्व आंका गया है। इन्हीं में से एक नगर कोट माता का मंदिर भी है। स्कंद पुराण के अवंतिका क्षेत्र महात्म्य में वर्णित चैबीस देवियों में से नगर कोट माता मंदिर भी है। गोरधन सागर के पास स्थित मंदिर में माता की मूर्ति भव्य और मनोहारी है। यह स्थान नगर के प्राचीन कच्चे परकोटे पर स्थित है।
Ujjain nagarkot ki Maharani Ka Chamatkar
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माता नगर कोट महारानी के मुख से पानी झरने का विडियो वायरल | viral sach | nagar kot mata...
सोशल मीडिया पर उज्जैन के माता नगर कोट महारानी के मुख से पानी झरने का विडियो वायरल हुआ जिसके बाद मीडिया ने मंदिर पहुंचकर मामले की पड़ताल की तो पता चला की मंदिर के पीछे गोर्धन सागर का पानी निकासी नहीं होने से मंदिर की दीवारों और मूर्ति से पानी निकलता हे लेकिन इस समस्या की और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं हे
Temple of Ujjain city / उज्जैन शहर के प्रमुख मंदिर
Hello Friends, Friends aaj ma apke liye Ujjain city ke bare me information lekar aai hu.
Ujjain city Temple:-
1. Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple (महाकालेश्वर मंदिर )
2. Bade Ganeshji ka Mandir (बडे गणेश जी का मंदिर)
3. Chintaman Ganesh temple (चिंतामन गणेश मंदिर)
4. Harsidhhi Temple (हरसिद्धि मंदिर )
5. Kal Bhairav temple (काल भैरव मंदिर )
6. Mangalnath temple (मंगलनाथ मंदिर)
7. Gopal Mandir (गोपाल मंदिर )
8. Navagraha Mandir (नवग्रह मंदिर)
9. Ram Janardhan Temple (राम जानर्दन मंदिर)
10. Gadkalika Temple (गढ़कालिका मंदिर)
11. Pancha Mukhi Hanuman (पंचमुखी हनुमान मंदिर)
12. ISKCON temple (इस्काॅन मंदिर)
13. Nagarkot Ki Rani Mandir (नगरकोट की रानी मंदिर)
14. Shree Chaubis Khamba Mata Mandir (श्री चैबीस खंबा मंदिर)
15. Nagchandreshwar Mandir (नागचंद्रेश्वर मंदिर )
16. Rinmukteshwar mahadev temple (ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर)
17. Shree Ram Janardan Mandir (श्री राम जनार्दन मंदिर)
18. Patal Bhairav Temple (पाताल भैरव मंदिर )
19. Char Dham Temple (चार धाम मंदिर)
20. Shree Chitragupta Dham (श्री चित्रगुप्त मंदिर )
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Music Credit:
bensound.com
Aarti Ujjain nagarkot maharani ki
HarSiddhi Mata Aarti UJJAIN
via YouTube Capture
यहाँ गिरा था माँ सती का सिर, माँ के दर्शन से ही दूर हो जाता है हर दुःख...| Mata Sati Darshan
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वैष्णो देवी गुफा के दंग कर देने वाले रहस्य | Indian Mysteries | Vaishno Devi | Jai Mata Di - YouTube
वैष्णो माता के दर्शनों के लिए जा रहे हैं तो माता रानी की गुफा के दस अनूठे रहस्यों के बारे में भी जान लें। माता रानी भगवान विष्णु के अंश से उत्पन्न हुई थीं इसलिए माता का एक नाम देवी त्रिकुटा भी है। माता का निवास स्थान यानि कि मां की गुफा जम्मू की त्रिक$टा पहाडिय़ों पर है इसलिए माता के भवन को त्रिकुटा भवन भी कहते हैं। माता की पुरानी गुफा का रास्ता प्राय: बंद ही रखा जाता है। माता के दर्शनों के लिए नई गुफा से होकर जाना पड़ता है।
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Kangra शहर की पहचान हैं यह Temple || Short Visit To Brajeshwari Devi Temple
The Kangra town known to the ancients as Nagarkot, is the seat of Shri Bajreshwari Devi or vajreshwari Devi or Brajeshwari Devi. Known once for its legendary wealth this temple was raided by various invaders from the north. Destroyed completely in 1905 by an earthquake, it was rebuilt in 1920 and continues to be a busy place of pilgrimage. One of the most revered shrines in Chamba, Vajreshwari Temple is dedicated to Devi Vajreshwari, the Goddess of Lightening. It has also been built as per the Shikhara style of architecture. It is believed that Vajreshwari Temple is more than 1000 years old.This video is scripted, narrated and presented by Sukriti Roy.
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आज भी बरकरार है ज्वालामुखी मंदिर के छत्र का रहस्य !
आज भी बरकरार है ज्वालामुखी मंदिर के छत्र का रहस्य !
कई रहस्यों को अपने आप में समेटे हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा का ज्वालामुखी शक्तिपीठ मुगल बादशाह अकबर के छत्र को लेकर भी चर्चा में रहता है। इस शक्तिपीठ में मुगल बादशाह अकबर की ओर से चढ़ाया गया सोने का वो विशाल छत्र आज भी यहां मौजूद है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह देवी के कोप से वह किसी अज्ञात धातु में बदल गया था। आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला।
मां ज्वालामुखी और अकबर का अहंकार
बताया जाता है कि मुगल काल में अकबर को जब इस मंदिर के बारे में पता चला तो उसने देवी शक्ति को आजमाने की कोशिश की। अकबर ने पहले यहां मुख्य ज्योति पर लोहे के तवे चढ़वा दिये, ताकि ज्योति बंद होकर बुझ जाये, लेकिन ज्योति तवे को फाड़ कर बाहर निकल गई। आज भी इस कहानी का माता के भजनों में उल्लेख मिलता है। उसके बाद अकबर ने यहां जंगल से नहर के माध्यम से पानी लाकर ज्योति को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रहा।
तब नंगे पांव मां के दरबार पहुंचा अकबर
जनश्रुतियों के मुताबिक मां की शक्ति के आगे बादशाह अकबर के सभी उपाय असफल हो जाने के बाद उसे देवी की दिव्य शक्तियों का अहसास हुआ। इसके बाद वह खुद नंगे पांव आगरा से कांगड़ा स्थित मां के दरबार पहुंचा जहां उसने अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन करते हुए मंदिर में सवा मन भारी सोने का छत्र चढ़ाया।
मां ने चूर किया एक बादशाह का अभिमान
कहते हैं कि मंदिर में छत्र चढ़ाने के बाद वापस राजधानी आगरा पहुंचने पर अकबर के मन में इस बात का अभिमान हो गया कि उसने इतना भारी छत्र ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ाया है। फिर क्या था अंतरयामी मां ज्वाला देवी ने उसके मन की बात जान ली और चढ़ावे में मिले सोने के छत्र को अजीब सी धातु में बदल दिया।
छत्र किस धातु का है किसी को नहीं पता !
बादशाह अकबर की ओर से चढ़ाया गया छत्र आखिर किस धातु में बदल गया इसकी जांच के लिए साठ के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की पहल पर यहां वैज्ञानिकों का एक दल पहुंचा। इसके बाद छत्र के एक हिस्से का वैज्ञानिक परीक्षण किया गया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आये।
ज्वालामुखी मंदिर न्यास के उपाध्यक्ष दिव्यांशु भूषण दत्त की मानें तो वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर इसे किसी भी धातु की श्रेणी में नहीं माना गया। यही नहीं भूषण दत्त के अनुसार उनके बड़े-बुजुर्गों ने भी ठीक यही बात बताई थी।
दुबारा परीक्षण नहीं कराएगा मंदिर प्रशासन
वहीं मंदिर अधिकारी अशोक पठानिया बताते हैं कि हाल-फिलहाल में तो इस छत्र का परीक्षण नये सिरे से नहीं किया गया है। चूंकि यह आस्था से भी जुड़ा मामला है लिहाजा मंदिर प्रशासन इसका दुबारा परीक्षण नहीं करा सकता। लोकमान्यता है कि अकबर के घमंड को तोड़ने के लिए ही देवी ने अपनी शक्ति से सोने के छत्र को अज्ञात धातु में बदल दिया।
बहरहाल, आज भी यह छत्र यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कौतुहल और विज्ञान के लिए रहस्य का विषय बना हुआ। जो भी श्रद्धालु देवी मां के इस शक्तिपीठ में आता है वो अकबर के छत्र देखे बगैर अपनी यात्रा को अधूरा ही मानता है।
छत्र देखने आते हैं हिन्दू और मुस्लिम
कांगड़ा स्थित मां ज्वालामुखी के प्रमुख मंदिर के पास ही स्थित है मोदी भवन। यहीं पर सहेज कर रखा गया है वो ऐतिहासिक छत्र जो मुगल बादशाह अकबर ने यहां चढ़ाया था। एक मुगल बादशाह की ओर से चढ़ाये गये छत्र को देखने के लिए हिन्दू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय भी यहां बड़ी तादात आता है।
ज्वाला देवी मंदिर का रहस्य | Jwala devi temple Himachal Pradesh
चलिए हम आपको माँ ज्वाला जी के चमत्कारों के बारे में कथा बताते है | ये जानकारी हमने से ली है | अगर आपकोमा ज्वाला जी के सम्बंद में अधिक जानकारी चाहिए तो आपक माँ ज्वाला जी के ऑफिसियल वेबसाइट में जाकर सारी जानकारी ले सकते है
माँ ज्वाल जी कैसे पहुंचे
वायु मार्ग, सड़क मार्ग और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुडी हुई है।
वायु मार्ग
नजदीकी हवाई अड्डा गगल में है
रेल मार्ग
पठानकोट से चलने वाली स्पेशल ट्रेन की सहायता से मरांदा होते हुए पालमपुर आ सकते है।
सड़क मार्ग
पठानकोट, दिल्ली, शिमला आदि प्रमुख शहरो से ज्वालामुखी मंदिर तक जाने के लिए बस व कार सुविधा उपलब्ध है।
Background Music:
Martian Cowboy by Kevin MacLeod is licensed under a Creative Commons Attribution license (
Source:
Artist:
Nagarkot:maa01.wmv
snaps of my yatra (jaat) at Maa Durge Bhawani temple Nagarkot Kangra (Himachal Pradesh) on the occassion of Chaitra Navratra- 2011. In older days there were two most famous temples in India viz Somnath temple and Nagarkot of Durge Bhawani. During In 1005-1006 Mahmood Gaznavi looted both of the temples. Rahul Sankratayan in his book Himachal (in 3 vols) has described that from Nagarkot Temple Gazni looted so much wealth that it was not possible to make entries of all loots. Two thousands 'Man'(one mun is = to 40 shers viz about 36 Kg) Siver, 200 hundred mun gold dimonds , gems etc.etc. which has been estimated more than the loot from Somnath temple. Few months later Devi came in the dreams of King and told him that she will appear on a certain date and that happend . The Durge Vahinidid Karseva. Rahul Sankratayan has mentionedIt has been mentioned that within few months more weath was doneted by the divoties . the 1906 earth quack distroyed the temple. the present one is construted during 1906-1911.strrison to the loo(then the (
Nagarkot kangra devi
Jatra
Baglamukhi Temple Kangra, History in Hindi, Himachal Pradesh
Baglamukhi Temple Kangra, History in Hindi, Himachal Pradesh
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माँ का नगरकोट स्थान | Maa Nagarkot vali | Nisha Gehlot | 2018 | LIVE | Shakti Music
#Title - Nistoli Maa Bhagwati Jagran 2017
#Singer - Vinod Bhati & Nisha Gehlot
#Bhajan - Tera Nagar Kot Sthan
#Music - Live
#Camera - Yogesh bainsla
#Edit - ROhit Bainsla
#Director & Producer - Manoj Bainsla Palwal 9215861416
#Channel - Shakti Music
#Label - Shakti Music
माता वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के दंग कर देने वाले रहस्य | Vaishno Devi Temple Mystery REVEALED
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Bajreshwari Temple Kangra HP माता बज्रेश्वरी देवी (कांगड़ा) पूर्ण दर्शन
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Bajreshwari Temple Kangra HP माता बज्रेश्वरी देवी (कांगड़ा)
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।
शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे। सर्वस्यातिहरे देवि नारायणी नमोस्तुते।।
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि देवि परं सुखम् ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥
The famous Bajreshwari Temple, also known as the Vagreshwari Devi Temple, is located in the heart of the town. It happens to be the most visited Hindu shrine in the district. Kangra town in Himachal Pradesh is an important pilgrimage destination. It is a hub of several ancient temples with distinct architectural styles. You can see many shrines here built in the typical north Indian Nagara style of architecture (pagoda style). Bajreshwari Temple is one of the 51 shaktipeeth (holy places where parts of Sati's body fell). It is said to have been founded by the goddess Bajreshwari herself during an Ashwamedha (horse sacrifice) held at the spot. The temple suffered many times at the hands of invaders. Mehmood of Ghazni destroyed it and built a mosque on its ruins. However, the temple was restored, though it was severely damaged again by an earthquake in 1905. Bajreshwari Temple had a facelift in 1920 and was restored to its former glory.
LEGEND OF BAJRESHWARI DEVI TEMPLE : Located in the old Kangra Township of the state of Himachal Pradesh, the Bajreshwari Devi Temple was built over the charred breasts of Sati. This shrine was renowned for its great wealth. Over the ages it has been plundered relentlessly. Mahmud of Ghazni was the first plunderer. He looted it in 1009. A mosque was built on the ruins and a garrison was left behind. After long thirty-five years, the local King regained its possession. The shrine was repaired and a replica of the idol was enshrined. The temple was filled with gold, silver and diamonds. In 1360, Firoz Shah Tughlaq again ransacked it. Later Emperor Akbar visited the temple with his Dewan, Toder Mal and restored its former grandeur. An earthquake in 1905 annihilated the temple but a new temple was raised on the same year.
The deity here is Mata Shri Bajreswari Devi also known as 'kul devi' by the locals.
Pilgrimage Destinations in Himachal Pradesh. Hindu Temples in Himachal Pradesh
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Bajreshwari Temple, Bhimakali Temple
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Chintpurni Temple,Dhoongri Temple
Hanogi Maa and Koyla Maa Temple,Hatkoti
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Naina Devi Temple,Prashar Temple
Raghunathji Temple,Renuka Temple
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